चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने किया तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा, जिससे भारत की बढ़ी मुश्किलें
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने अरुणाचल प्रदेश के पास स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया. चीनी राष्ट्रपति का तिब्बत का ये सरप्राइज दौरा था. शी जब चीन के उपराष्ट्रपति थे तब उन्होंने पिछली बार 2011 में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया था, जो तिब्बत के लगभग आधे हिस्से में फैला है. वहीं, उन्होंने ल्हासा, निंगत्री और शिगात्से का दौरा भी किया.
‘न्यिंगची मेनलिंग एयरपोर्ट’ पहुंचे.आईसीटी ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि शी पहली बार 20 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी तिब्बत के निंगत्री में मेनलिंग हवाई अड्डे पर उतरे थे. वहां मकामी लोगों और मुखतलिफ जातीय समूहों के अफसरान ने गर्मजोशी से उनका इस्तकबाल किया. इसके बाद ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का मुआयना करने के लिए वह ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए, जिसे तिब्बती जबान में ‘यारलुंग जंगबो’ कहा जाता है.
उन्होंने कहा, वह पहले निंगत्री में लोगों से मिलने आए, और उनसे कहा कि एक भी जातीय समूह को पूरी तरह से आधुनिक समाजवादी चीन बनाने के प्रयासों में पीछे नहीं रहना चाहिए. जनता को चीन के कायाकल्प और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अगले 100 वर्षों के लिए काम करना चाहिए.
जिनफिंग ने आपने दौरे के दौरान लोगों से खिताब करते हुए कहा कि वह पहले निंगत्री में लोगों से मिलने आए. उन्होंने कहा कि एक भी जातीय समूह को पूरी तरह से आधुनिक समाजवादी चीन बनाने के प्रयासों में पीछे नहीं रहना चाहिए.