Political Crisis: क्या है शिंदे का प्लान ऑफ एक्शन, क्या 2 महीने पहले हो गया था विद्रोह का आगाज ? देखी यहाँ

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’  में बागी विधायकों और भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाया है.खुद शिवसेना के कुछ विधायकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, शिंदे गुट के विधायकों ने कई बार, खासतौर पर कैबिनेट मंत्री व राकांपा नेता जयंत पाटिल द्वारा उनके कामकाज में दखल और परेशानी खड़ी करने की शिकायत उद्धव से की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।महाराष्ट्र में सियासी तस्वीर तेजी से बदलती जा रही है.

उद्धव ठाकरे अपनी ही पार्टी शिवसेना में कमजोर पड़ते दिख रहे हैंशिंदे के शहरी विकास मंत्रालय में शिवसेना के ही दो मंत्री लगातार हस्तक्षेप कर रहे थे। आलम यह था कि वे अपने जिले, ठाणे में कोई अधिकारी तक भी नहीं बदलवा पा रहे थे। उनके विभाग से कोई भी फाइल बिना सीएम की इजाजत के आगे नहीं बढ़ने दी जा रही थी। सीएमओ से इसके साफ निर्देश विभाग सचिव को दिए गए थे।

शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया कि भाजपा कहती है कि इस घटनाक्रम से उसका कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन यह सिर्फ एक मजाक भर लगता है, क्योंकि सूरत के होटल में भाजपा के लोग मौजूद थे. वहीं गुवाहाटी हवाई अड्डे पर असम के मंत्री ने बागी विधायकों का स्वागत किया था.

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