अमेरिका नहीं,बिगड़ते हालातों के लिए अफगानिस्तान खुद जिम्मेदार-विकास दादा
अफगानी सेना का आत्मसमर्पण शर्मनाक
मथुरा से अजय ठाकुर
तालिबान के हमलों का सामना करते वक्त जिस तरह अफगानिस्तान की सेना ने घुटने टेक दिए,उसका जिक्र करते हुए समाजसेवी विकास दादा ने कहा कि वह इस बात को लेकर हैरान हैं कि इतनी जल्दी पतन कैसे हो गया।आखिर क्यूँ राष्ट्रपति अशरफ गनी बिना लड़े ही देश छोड़कर भाग गए,जिसे कभी जायज नहीं माना जा सकता।अफगानिस्तान के सियायी नेताओं ने लड़े बिना ही अपनी हार मान ली,अफगान फौज तालिबान के आगे बिना लड़े क्यों झुक गई।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में अरबों डॉलर के निवेश और अपनी सेना द्वारा प्रशिक्षण दिया है लेकिन इसके वाबजूद भी अफगान सेना दो दशक बाद भी अपने देश की रक्षा कर पाने में असक्षम है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का समर्थन करते हुए विकास ने कहा कि पेंटागन ने जो निर्णय लिया है वह एकदम सही है आज के दौर में किसी भी देश को स्वयं अपनी रक्षा करनी होगी।उधर आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो के बारे पर उन्होंने दुःख जताया और कहा कि तालिबानियों द्वारा बेबस लोगों पर किया जा रहा बर्बरतापूर्ण रवैया बेहद निंदनीय है।
अंत में विकास बोले कि ‘अफगान राजनीतिक नेतृत्व टिके रहने में विफल रहा’ और ‘अफगान नेतृत्व की इस विफलता ने उस त्रासदी को जन्म दिया, जिसे आज दुनिया देख रही है।