ब्रिटेन में तेज़ी से फैल रहे Coronavirus के एल्फा वैरिएंट को लेकर रिसर्चर्स ने किया बड़ा खुलासा

लंदन. ब्रिटेन में गत शरद ऋतु के दौरान कोरोना वायरस के ‘एल्फा’ स्वरूप के तेजी से फैलने का एक प्रमुख कारण संक्रमित लोगों का देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करना था. संबंधित अध्ययन से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे.

जब ब्रिटेन में कोरोना वायरस का संक्रमण अपनी चरम पर था, तब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लोगों से बेहतरीन जांच व्यवस्था बनाने का वादा किया था। उन्होंने ने संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को भी जल्द से जल्द ढूंढ निकालने की प्रणाली विकसित करने का भरोसा दिलाया था।

इंग्लैंड के पूर्वी शहर साउथेंड-ऑन-सी में रायटर के रिपोर्टर ने भी वाक-इन जांच केंद्र पर कोरोना टेस्ट कराने की कोशिश की। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। उस केंद्र पर लोग स्थानीय समय के अनुसार भोर से ही जमा हुए थे। केंद्र पर लंबी लाइन लगी हुई थी।

उन्होंने उल्लेख किया कि ‘एल्फा’ स्वरूप का विस्फोटक प्रसार वायरस में जैविक परिवर्तन की वजह से ही नहीं, बल्कि संक्रमित लोगों के देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों की यात्रा करने की वजह से भी फैला..

अध्ययन में कहा गया कि लंदन और ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्व के क्षेत्रों से देश के अन्य हिस्सों में लोगों की यात्रा की वजह से वायरस के संबंधित स्वरूप के प्रसार की नई श्रृंखला शुरू हुई जिसमें जनवरी की शुरुआत तक कोई कमी नहीं देखी गई.

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