मैनपुरी स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद की बजह से, मिढ़ावली के झोलाछाप डॉक्टर की चांदी

स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद की बजह से, मिढ़ावली के झोलाछाप डॉक्टर की चांदी

पंकज शाक्य
कुरावली/मैनपुरी – एक तरफ पूरे जिले समेत आसपास के जिलों में डेंगू जैसी भयंकर बीमारी ने अपने पैर पसार रखे है। इस बीमारी में ना जाने कितनों ने अपनों को खो दिया है। लेकिन इस बीमारी से झोलाछाप डॉक्टरों की तो जैसे चांदी हो गई। जिले के जिम्मेदार अधिकारी लगातार जागरूक कर रहे हैं कि कोई भी परेशानी हो तो नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराएं। लेकिन ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बैठे झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ करके अपनी जेबें भरने में लगे हुए है। लेकिन इन झोलाछाप डॉक्टरों के ठिया ठिकाना पता होने के बाद भी जिम्मेदारों के द्वारा कार्यवाही ना करना जैसे झोलाछापों को एक विशेष बल जैसा मिल जाता है।
जी हां दरअसल हम बात कर रहे है जनपद मैनपुरी के विकासखंड कुरावली के ग्राम मिढ़ावली कलां की। जहां एक बिना डिग्रीधारक डॉक्टर बेंचेलाल गुप्ता ने तो समझो एक मिनी अस्पताल खोल रखा है। जिसकी पूरी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्साधीक्षक को भी है। लेकिन इस मिनी अस्पताल पर कार्यवाही ना होना मतलब इसे एक तरीके से पूर्णतः बल मिला हुआ है। एक समाचार पत्र के पत्र के द्वारा इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जाता है। तब खबर से बौखलाए झोलाछाप के पुत्र कुलदीप गुप्ता द्वारा संबंधित पत्रकार को फोन कर कहा जाता है कि मैंने डी फार्मा कर लिया है। मेरा मेडीकल जायज है। भाई अब इन्हें कौन बताए कि मेडीकल जायज है या नाजायज ये तो जांच का विषय है। जिसके साथ ही गांव के जागरूक व्यक्तियों के द्वारा भी स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉक्टर आर पी सिंह को फोन कर अवगत कराया जाता है। लेकिन जिम्मेदारों ने कोई भी कार्यवाही करना तो दूर की बता है मौके पर जाकर जांच करना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में इस झोलाछाप को एक तरह का बल मिल गया है। खैर अब देखना है कि इस खबर को देखकर जिम्मेदारों की आंखें खुलती है कि नही। यदि ये कुंभकर्णी नींद से जागते है तो वह कार्यवाही करेगी कि नही ये तो राम जाने।

क्या कहते हैं जिले के जिम्मेदार मुख्य चिकित्साधीक्षक

जब इस संबंध में मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉक्टर प्रेमपाल सिंह से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। इस कारण उनकी कहिन नही लिखी जा सकती।

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