मथुरा मेयर डॉ मुकेश आर्य बंधु को मिली 20 लाख रिश्वत मामले में क्लीन चिट
मथुरा। नगर निगम की बोर्ड बैठक में उस समय भारी हंगामा मच गया जब वार्ड 59 की महिला पार्षद नीलम गोयल ने निगम अधिकारियों पर अर्कमण्य कार्यशैली अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि महीनों बीत जाने के बावजूद आज तक उनके क्षेत्र में स्वीकृत कार्य नही कराये गये है। उन्होंने निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा जिस अवर अभियन्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। उसी के संरक्षण में विवादित स्थल का निरीक्षण किया गया और उन्हें उस दौरान न तो बुलाया गया और ना ही आज अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया। ऐसे आरोप अन्य कई पार्षदों ने एक साथ लगाये तो सदन शेम-शेम की आवाज से गूंज उठा।
बैठक के दौरान कई बार महिला व पुरूष पार्षदों में बोलने को लेकर तीखी नौक झौंक हुई। जिसमें पार्षद उमेश भारद्धाज, हेमन्त अग्रवाल, रामदास चतुर्वेदी द्वारा बार-बार बोलने पर अन्य पार्षदों ने जमकर हंगामा काटा और कहा कि आधा दर्जन लोग तय नीति के तहत आगे बैठकर पीछे बैठे पार्षदों को बोलने से वंचित रख रहे है।
सदन में बैठक के दौरान एक समय ऐसा भी आया कि उपस्थित पार्षद फोटो खिचवाने को लेकर आमने-सामने आ गये। पीछे बैठे पार्षदों का कहना था कि आगे बैठे पार्षद मात्र फोटो खिचवाने के लिए हंगामा कर रहे है। इसका समर्थन करते हुए महिला पार्षदों ने भी अपने फोटो खींचने की बात की तो वहां बैठे नगर आयुक्त अनुनय झा ने फोटो ग्राफर से विशेष अनुरोध कर महिला पार्षदों का भी ख्याल रखने को कहा।
मथुरा-वृन्दावन बोर्ड बैठक में आज अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा पार हो गयी, जिसके मन में जो आ रहा था वह बोल रहा था। पार्षदों ने चार साल बीत जाने पर भी समितियां नही बनाये जाने पर खुलकर हंगामा किया। पार्षद श्वेता शर्मा ने कहा कि बार-बार मांग किये जाने पर भी समितियां नही बनायी जा रही। केवल अस्थायी समितियों में गिने चुने पार्षदों को ही शामिल किया जाता है और सब क्या बेवकूफ है जिनको समितियों में शामिल नही किया जा रहा है। पार्षद हेमन्त अग्रवाल ने कहा कि निगम के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सभी विभागों की समिति बननी चाहिए जिसमें चार-चार पार्षद शामिल हों। महपौर और नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही समितियों का गठन कर दिया जायेगा। आश्वासन के बाद भी अधिकांश पार्षद समितियों के गठन की मांग पर अडे रहे। पार्षद विष्णु चौधरी ने कहा कमेटी अभी बननी चाहिए। मेयर ने समिति की मांग को लेकर पार्षदों से हाथ उठवाये जिस पर सभी ने हाथ उठा दिये। आखिरकार नगर आयुक्त ने कहा कि मुझ पर विश्वास करिये समिति के गठन में कोई ढिलाई नही रहेगी। तब कहीं जाकर पार्षद शान्त हुए।
नगर निगम बैठक उस समय भी हंगामा हो गया जब पार्षदों ने नगर आयुक्त को यह बताया कि महानगर में चहुंओर अवैध पार्किंग की जा रही है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है और नगर निगम को राजस्व का घाटा हो रहा है। पूर्व में ढाई करोड़ साल का पार्किंग का ठेका लाखों में सिमट कर रह गया है। पार्षदों ने तो यह भी कह दिया कि पूरे निगम क्षेत्र में 200 से ज्यादा स्थानों पर वाहन पार्किंग का कार्य किया जा रहा है। जिससे करोड़ों रूपये की आय से निगम वंचित है। गोवर्धन चौराहा, डीगगेट, पुराना बस स्टैण्ड, रिफायनरी टाउनशिप तिराहा जैसे स्थानों पर पार्किंग के नाम पर जबरन धन वसूली की बात भी सामने आयी तो नगर आयुक्त अनुनय झा ने कहा कि पार्षद उन्हें उन स्थानों के विषय में लिखकर दें साथ ही अपने क्षेत्र में चल रही निजी पार्किंग की भी जानकारी दें ताकि उन पर निगम शुल्क लगाया जा सके जिस पर सभी पार्षदों ने हामी भी भरी।
नगर निगम प्रशासन ने बोर्ड बैठक हंगामेदार होने की संभावना को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी बैठक स्थल के बाहर तैनात किया था। पुलिस बल थाना गोविंद नगर सुबह से ही अपने चिन्हित स्थानों पहुंच गया था। भारी पुलिस बल की तैनाती देखकर पार्षद हैरान थे।
रिपोर्ट /- प्रताप सिंह