उत्तर प्रदेश: क्या साल 2022 के चुनाव में बीजेपी को मिल पाएगा यादव-जाटव का साथ ? जानिए यहाँ

उत्तर प्रदेश के चुनाव  में जाति का रोल महत्वपूर्ण होता है. खासकर देश में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद से. रिपोर्ट लागू होने के बाद पिछड़े वर्ग (OBC) की राजनीति को पंख लग गए. यूपी की राजनीति करने वाली नेशनल और स्टेट लेबल की पार्टियों का जोर जातिगत समिकरण बिठाने पर होता है.

आइए नजर डालते हैं कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में किस जाति ने किस पार्टी या गठबंधन को वोट किया था. थिंकटैंक सीएसडीएस और लोकनीति के एक सर्वे के मुताबिक 2019 के चुनाव में 82 फीसदी ब्राह्मणों ने बीजेपी और उसके सहयोगियों के लिए वोट किया था.

उत्तर प्रदेश में निर्णायक माने जाने वाले जाटों का 91 फीसदी वोट बीजेपी को मिला था. कांग्रेस को 2 फीसदी, सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन को 7 फीसदी जाटों ने वोट किया था. वर्ण व्यवस्था की अन्य जातियों में से 5 फीसदी ने कांग्रेस, 84 फीसदी ने बीजेपी गठबंधन और 10 फीसदी ने सपा-बसपा गठबंधन को वोट किया था.

उत्तर प्रदेश के 73 फीसदी मुसलमानों ने सपा-बसपा गठबंधन, 14 फीसदी ने कांग्रेस, 8 फीसदी ने बीजेपी गठबंधन और 5 फीसदी ने अन्य दलों को वोट किया था. अन्य जातियों में से 50 फीसदी ने बीजेपी गठबंधन, 35 फीसदी ने सपा-बसपा, 1 फीसदी ने कांग्रेस और 14 फीसदी ने अन्य दलों को वोट किया था. (गणितिय गणना की वजह से कुछ जगह संख्या कम या अधिक भी हो सकती है.)

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