सागर पहलवान बब्बा मंदिर के पास हुआ हादसा, तुरंत भेजी गई मदद

 

सागर शनिवार सुबह करीब 11 बजे पहलवान बब्बा मंदिर के पास रोटरी क्रॉस करते समय एक ऑटो और लोडिंग आपे में टक्कर हो गई। इसमें ऑटो की सवारियां घायल हो गईं। यह हादसा इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत लगाए गए कैमरे में कैद हुआ। सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में बैठे ऑपरेटर ने हादसा होते ही डायल 100 को कॉल किया और कुछ मिनट में ही घायलों को मदद मिल गई। डायल 100 वाहन में ही घायलों को बैठाकर अस्पताल भेजा गया।
इसी तरह शनिवार को ही एक टेलीफोन कंपनी की केबल लाइन मुख्य बस स्टैंड के पास से चोरी की गई। गोपालगंज पुलिस ने सुबह करीब 11 बजे आईसीसीसी में संपर्क किया। कुछ मिनट बाद ही घटना का खुलासा हो गया। इस केबल को सुबह 8 बजे एक छोटे लोडिंग वाहन में लादकर ले जाया जा रहा था। वाहन के नंबर से उसकी पहचान की गई, जिसे पुलिस ने पकड लिया।
उल्लेखनीय है कि सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) विभिन्न प्रशासनिक विभागों की सेवाओं को एक प्लेटफार्म से जोडकर मॉनीटरिंग एवं कंट्रोल का काम कर रहा है। शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) वाहन चालकों की प्रत्येक हरकत पर नजर रखता है। गलती की तो ई-चालान घर भेज देता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज, डायल 108, ई-पालिका, सीएम हेल्पलाइन, पब्लिक टॉयलेट फीडबैक, सेफ सिटी कैमरा सर्विलांस जैसी अन्य सुविधाओं की मॉनीटरिंग भी आईसीसीसी से की जा रही है। ट्रैफिक, क्राइम, बीमारी और कचरा कलेक्शन गाड़ियों की सतत निगरानी की जाती है। आईटीएमएस के तहत शहर के पांच एंट्री-एग्जिट प्वाइंट और 19 प्रमुख स्थानों पर कैमरों की नजर रहती है। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्नीशन सिस्टम वाहन की नंबर प्लेट को रियल टाइम ट्रैक करने का काम करता है। इससे यातायात संबंधी लंबित अपराधों, चोरी हुए वाहन और नकली नंबर प्लेट जैसे मामलों की त्वरित जांच में मदद मिलती है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से चौराहों की रियल टाइम निगरानी कंट्रोल रूम से की जाती है। रेड लाइट वायलेशन डिटेकशन सिस्टम लालबत्ती, स्टॉप लाइन उल्लंघन या गलत दिशा में वाहन मोडने आदि की घटनाओं को पकडता है। इसके अलावा स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम से वाहनों द्वारा निर्धारित गति के उल्लंघन के मामले पकड में आते हैं, जिससे ई-चालान करने में मदद मिलती है।

आठ साल बाद पकडी चोरी की बाइकः
करीब 15 दिन पहले संजय ड्राइव पर पुलिस चेकिंग कर रही थी और वहां से गुजरने वाले वाहनों पर आईसीसीसी से आईटीएमएस के माध्यम से नजर रखी जा रही थी। इस दौरान एक बाइक चालक पुलिस से बचता हुआ नजर आया। आईसीसीसी के ऑपरेटर ने वहां तैनात पुलिस को अलर्ट किया। बाइक चालक से पूछताछ की गई तो वह चोरी की प्लेटिना बाइक निकली। यह बाइक आठ साल पहले छतरपुर से चोरी हुई थी और कई बार बेची जा चुकी थी।

रूट ट्रेस होने से मिली थीं चोरी की 17 बाइक

करीब डेढ माह पहले मोतीनगर से एक युवक ने बाइक चोरी की और वह वहां से डिग्री कॉलेज, सिविल लाइन, मकरोनिया, बहेरिया होते हुए गया। इसी आधार पर पुलिस ने चोर को बंडा में गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ करने पर चोरी की 17 बाइक बरामद की गई थीं।

कई मामले सुलझाएः

15 अक्टूबर को राजघाट चौराहा पर एक स्कूटी और बाइक में जबरदस्त टक्कर हुई। आईसीसीसी ने तुरंत पुलिस और एंबूलेंस को घटनास्थल पर भेजकर मदद पहुंचाई। पुलिस को यह भी बताया गया कि स्कूटी सवार महिला रॉन्ग साइड से आई थी इसलिए हादसा हुआ। इसी तरह पिछले दिनों बीएमसी में महिला से छेडछाड का एक मामला आया। जिस समय छेडछाड होने की शिकायत की गई थी, उसी समय पर वह व्यक्ति संजय ड्राइव पर अपनी पत्नी के साथ मौजूद था, जिसे आईटीएमएस के कैमरे ने कैप्चर किया था। इसी तरह बाइक चोरी के कई मामले, डुप्लीकेट नंबर प्लेट पकडना, बच्चा चोरी, गुमशुदा की खोज, मोबाइल चोरी, लूट, हत्या, एक्सीडेंट कर भागने वाले वाहन, छेडछाड के मामले भी आईटीएमएस के कैमरों की मदद से सुलझाए गए। एक्सीडेंट कर भागी एक कार को तो जबलपुर में भी पकडवाया गया। पिछले चार माह में पुलिस एफआईआर से आए 80 प्रकरणों में से 59 को सुलझाया गया, जबकि एक्सीडेंट कर भागे 35 वाहनों की पहचान की गई

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