नाबालिक चला रहे ई-रिक्शा प्रशासन मौन

इटावा

जसवंतनगर। किशोरावस्था में ई रिक्शा चलाकर हादसों को दावत दी जा रही है।
नगर क्षेत्र में कुछ सालों से ई-रिक्शा की संख्या काफी नगर के किसी भी छोर और आसपास के गांव चंद मिनटों मेंहुंचा जा सकता है। एक तरफ जहां आवाजाही में सुविधा हुई है दूसरी ओर कुछ किशोर ई-रिक्शा चलाते हुए सवारियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं नगर में कहीं भी जाम का कारण बन रहे हैं। कुछ ई रिक्शा चालक तो बीड़ी तंबाकू सिगरेट शराब जुआ के भी आदी होते जा रहे हैं। कमाई के लालच में इनके परिजन नए ई रिक्शा खरीद कर कम उम्र में थमा देते हैं। जिस उम्र में इनकी पढ़ाई होनी चाहिए उस उम्र में यह ई रिक्शा चालक बनकर प्रतिदिन 500 से ₹700 कमा रहे हैं यही लालच परिजनों को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करा रहा है।
खास बात तो यह है कि दर्जनों किशोर ई रिक्शा का हैंडल थामें तेजी से फर्राटे भरते हुए निकल जाते हैं। हाईवे चौराहे पर सवारियों के चक्कर में इधर उधर खड़े रहते हैं। आखिर क्यों जिम्मेदार अधिकारी अपनी नजरों से अनदेखा कर रहे है। अराजक तत्वों की भी नजर भी इन किशोर ई रिक्शा चालकों पर रहती है वह इन्हें किसी ना किसी तरह अपना शिकार बना लेते हैं। पिछली महीने एक किशोर ई रिक्शा चालक की हत्या भी कर दी गई थी।हालांकि बाद में हत्याभियुक्त को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
नगर के संभ्रांत नागरिकों ने प्रशासन से इस पर लगाम लगाने की मांग की है।

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