महिला आत्महत्या मामला – न्यायालय ने दो भाइयों को दी 3 साल की सजा

इटावा।

महिला के साथ बेवजह अभद्रता करने व गालीगलौज करके आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के आरोपी दो भाइयों को कोर्ट ने तीन तीन साल की सजा सुनायी है। घटना में इन भाइयों की मां को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन विवेचना के दौरान उनकी मौत हो गयी। घटना वर्ष 2010 में जसवंतनगर क्षेत्र में हुयी थी।

हरकूपुर जसवंतनगर के रहने वाले सुरेश बाबू ने अपनी पत्नी मीनादेवी के फांसी लगाकर खुदकुशी करने के मामले में एक महिला समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी 21 दिसंबर 2010 को उनकी पत्नी खेतों की ओर से आ रहीं थीं, तभी रास्ते में रोककर नगला राठौर जसवंतनगर के रहने वाले सर्वेश, उसके भाई चंद्र प्रकाश व उनकी मां ने अभद्रता व गालीगलौज की थी। महिला ने घटना की जानकारी अपने परिवार के लोगों को दी। 22 दिसंबर को जब सुरेश बाबू काम पर चले गये थे तब उनकी पत्नी मीनादेवी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी के पीछे उन्होंने कारण उक्त लोगों द्वारा अभद्रता व गालीगलौज किये जाने से क्षुब्ध होना बताया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी महिला की मौतोह गयी, इसलिये उनका नाम केस से निकाल दिया गया। इसकी सुनवायी एडीजे कोर्ट नं.एक में हुयी। पीड़ित पक्ष की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता रमा कांत चतुर्वेदी ने पैरवी की। न्यायाधीश राम मिलन सिंह ने दोनों आरोपी भाइयों को तीन तीन साल की सजा व दो दो हजार रुपये का अर्थदंड जमा कराने का आदेश

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