आम नागरिकों की हत्या के बीच एक्शन मूड में नजर आए अमित शाह, अचानक बुलाई बड़ी बैठक

सेना और पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के जंगलों में कम से कम आठ दिनों तक छिपे सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के समूह के बीच मुठभेड़ से पता चलता है कि घुसपैठियों को पाकिस्तानी कमांडो द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।

कश्मीर में आतंकियों के साथ एनकाउंटर जारी है. इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है कि कश्मीर में एक और हाई अलर्ट जारी किया गया है. इस अलर्ट में बताया गया है कि ‘हरकत 313’ नाम के एक आतंकी संगठन को घाटी में अशांति फैलाने का जिम्मा दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन को जल विद्युत संयंत्रों उरी- I और उरी- II के सहित सरकारी बुनियादी ढांचे पर हमले शुरू करने का जिम्मा दिया गया है.

हाल के वर्षों में जम्मू और कश्मीर में भारत की सेना के लिए सबसे घातक मुठभेड़ बन गई है, जिसमें सोमवार से इन आतंकवादियों से लड़ते हुए दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों या जेसीओ सहित नौ सैनिक मारे गए हैं।

नियंत्रण रेखा के करीब पुंछ के डेरा वाली गली इलाके में 10 अक्टूबर की रात इन आतंकियों से पहली मुठभेड़ में एक जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए थे।

इसके बाद गुरुवार को नर खास के जंगलों में आतंकियों की तलाश कर रहे सेना के एक दल पर घात लगाकर हमला किया गया। इसमें दो जवान शहीद हो गए और एक जेसीओ समेत दो अन्य लापता हो गए। दो दिन बाद कड़े ऑपरेशन के बाद उनके शव बरामद किए गए।

एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर एनडीटीवी से कहा, “आतंकवादियों के समूह में पाकिस्तानी कमांडो भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन हमें निश्चित तौर पर तभी पता चलेगा, जब उन्हें मार गिराया जाएगा।”

 

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