मैनपुरी कुरावली सीएचसी पर चिकित्सा अधीक्षक की संवेदनहीनता -पत्नी के इलाज की कहासुनी में पति को थाने भिजवाया

कुरावली सीएचसी पर चिकित्सा अधीक्षक की संवेदनहीनता -पत्नी के इलाज की कहासुनी में पति को थाने भिजवाया

मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर जोरों से वायरल

मैनपुरी- यूं तो आज के दौर में डॉक्टर को जमीन का दूसरा भगवान कहा जाता है। जब यही भगवान हैवान बन जाए तो फिर आमजन किसके पास इलाज कराने को जाएं।

दरअसल पूरा मामला जिले के कस्बा कुरावली स्थिति सीएचसी पर तैनात चिकित्साधीक्षक मुनींद्र सिंह चौहान ने पत्नी का उपचार कराने पहुंचे पति कि बार-बार कहने के बाद भी जब पत्नी को नहीं देखा। तो उसने शिकायत करने के लिए जब मोबाइल ऑन किया तो अधीक्षक ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसके साथ अभद्रता का व्यवहार किया और झूठी शिकायत कर बीमार महिला के पति को पुलिस को हवाले कर दिया।
बताया जाता है कि कुरावली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के गांव कालाखेत निवासी सतेंद्र सिंह अपनी पत्नी मधु देवी एक तेज बुखार के कारण सुबह 10 बजे लेकर पहुंचे। जहां सतेंद्र को इलाज के लिए सुबह 10 बजे से लेकर 3 बजे तक का लंबा इंतजार किया। इस बीच उसने काफी बार डॉक्टरों से अपनी पत्नी को देखने के लिए अनुरोध किया। लेकिन डॉक्टर ने उसकी कोई बात नहीं सुनी। स्वास्थ्य केंद्र के कमरे के बाहर तेज बुखार से जमीन पर महिला तड़पती रही। तो महिला के पति ने अपने मोबाइल पर वीडियो बनाने लगा। जिसे देख चिकित्सा अधीक्षक ने पीड़ित महिला के पति का मोबाइल छीन लिया और मरीज महिला के पति के साथ अभद्र व्यवहार करने लगा। जब मरीज महिला के पति ने शिकायत करने की धमकी दी तो उसके साथ मारपीट को उतारू हो गया। पीड़ित ने बताया कि जब हमारे मरीज को देखा गया तो उसके लिए बाहर से दवाई लिख दी। जिसपर उसने कहा कि हमारे पास इतने रुपए नही है जो हम बाहर से दवाई ला सकें। जिसपर चिकित्सा अधीक्षक का बेहद सुंदर ज़बाब था कि वैसे तो खेत बेचकर रुपए लगा दोगे लेकिन बाहर से दबा लाने को रुपए नही है। अभी हाल ही में राज सरकार ने डेंगू जैसी भयानक बीमारी के लिए एक आदेश भी पारित किया है। जिसके बताया गया है कि डेंगू से पीड़ित मरीज का इलाज बिलकुल मुफ्त में होगा। जिसका सारा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। तो ऐसी क्या बात आन पड़ी जो सीएचसी के चिकित्सकों के द्वारा बाहर की दबाई लिखी जाती है। खैर ये तो जांच का विषय है?
इधर मामले की भनक जब पत्रकारों को लगी तो वह भी मौके आप पहुंच गए। बाद जिसके पत्रकारों के पहुंचने पर मामला बढ़ते देखकर चिकित्सा अधीक्षक ने पुलिस से झूठी शिकायत करके पीड़ित महिला के पति को पुलिस के हवाले कर दिया।
पत्रकारों द्वारा वीडियो बनते देखकर स्वास्थ्य कर्मी आनन फानन में महिला को स्टेचर पर ले जाकर भर्ती करते नजर आए। मजे की बात तो यह कही जाती है की महिला को तो स्वास्थ्य कर्मियों ने भर्ती कर लिया।लेकिन बीमार महिला के पति को पुलिस के हवाले कर दिया और उसे धाने में बैठा लिया गया। पीड़ित पति बार-बार कह रहा था अब वह अपनी पत्नी को स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज न करा के बाहर इलाज कराएगा। लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लेकिन चिकित्सा अधीक्षक के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है। वह अपने इस तरह के कारनामों से पहले भी सुर्खियां बटोर चुके है। जनपद मैनपुरी के कुरावली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कि यह घटना बड़ी शर्मनाक बताई जा रही है। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या कार्यवाही करता है?

*इनका कहना है कि*

जब मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रेमपाल सिंह से फोन पर बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि मामला संज्ञान में नहीं है। यदि इस प्रकार का कृत्य चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा किया गया है। तो वह बेहद निंदनीय है। जिसकी जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी।

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