उत्तर प्रदेश के जिला औरैया मेआवारा सांड के हमले से किसान की मौत

 

ए, के, सिंह संवाददाता जनपद औरैया

*रुरुगंज,औरैया।* भले ही शासन व प्रशासन आवारा गोवशों को नियंत्रित कराने के लिए प्रयास करते हुए गौशालाए खुलवा रहा हो , इसके बावजूद किसानों को आवारा गोवशों से निजात नहीं मिल रही है। जहां वह एक ओर फसलों को नष्ट कर रहे हैं , वहीं दूसरी ओर जानलेवा भी सावित हो रहे हैं। इसी से चलते बिधूना कोतवाली क्षेत्र में गत दिवस आवारा सांड के हमले से एक किसान मौत के गाल में समा गया। बता दें कि बिधूना कोतवाली क्षेत्र के कस्बा रुरुगंज में बुधवार शाम सांड़ ने खेत की रखवाली करने गये किसान पर हमला बोल दिया। सांड़ के हमले में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार के लोगों ने किसान को उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान देर रात उनकी मौत हो गयी। किसान की मौत से परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है।


रुरुगंज निवासी जगदीश सिंह यादव 52 वर्ष पुत्र राम सनेही यादव किसान था। खेत में खड़ी बाजरा की फसल की रखवाली करने जा रहा था। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 4 बजे उनके खेत में मवेशी घुसे थे। किसान मवेशियों को खेत से निकालने के पहुंचा। इसी दौरान सांड़ ने किसान पर हमला कर दिया। आवारा सांड के हमले में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। चीख-पुकार सुनकर आस पास खेतों में मौजूद लोग घटना स्थल की ओर दौड़ पडे और , ग्रामीणों ने किसी तरह मवेशियों को खदेड़ते हुए दूर भगाया। इसके बाद घटना की जानकारी किसान के परिजनों को दी। घर परिवार के लोग जख्मी किसान को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचे। जहां उपचार के दौरान देर रात उनकी मौत हो गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसान का शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शव विच्छेदन गृह भेज दिया है। किसान की मौत से परिजनों में करुण- क्रंदन गूंज रहा था। आपको बताते चलें कि आवारा मवेशियों से किसान बुरी तरह से आजिज आ चुका है। आयेदिन आवारा गोवशों से जहां एक ओर मार्ग दुर्घटनाएं होकर लोग जख्मी हो रहे हैं , वही आवारा गोवंश किसानों की फसलों को चरकर नष्ट कर रहे हैं। शासन व प्रशासन गोवंशो को नियंत्रित कराने के लिए भले ही गोवंश आश्रय केंद्र खोल रहा हो, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। जिसके चलते गोवंश आवारा घूमते रहते हैं। तथा आम जनमानस से लेकर किसानों को हतोत्साहित कर रहे हैं। आवारा गोवंशों पर अंकुश लगाने के लिए समाज के संभ्रांत , गणमान्य व वरिष्ठ नागरिकों ने शासन व प्रशासन से निजात दिलाए जाने की मांग की है।

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