हरदोई गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी पर नवरात्रि का तीसरा दिन
माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है
रिपोर्ट प्रेमश॑कर श्रीवास्तव
जिलासंबाददाता
दैनिक माधव संदेश न्यूज़ हरदोई
विश्व शांति की कामना से पाँच कुंडीय यज्ञ में दी आहूतियाँ
गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी पर नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की विशेष आहूतियाँ दी गयी। इस अवसर पर यदि का संचालन कर रहे मृदुल कपूर ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचाव का संदेश दिया गया। बताया कि यज्ञ हवन का आध्यात्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। हवन में आहुतियों से आसपास का वातावरण सुगंधित होने के साथ प्रदूषण समाप्त होता है। वहीं ऐसी मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास और आसुरी शक्तियों का विनाश होता है। यज्ञशाला में हवन कुंडों का अपना अलग-अलग महत्व में जिसमें मुख्य हवन कुंड में देश व समाज के लिए के लिए आहुतियां दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि वृत कुंड में आहुति देने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। चंद्र कुंड में आहुति देने से काल सर्प दोष समाप्त होता है।
त्रिभुज कुंड से शक्ति की प्राप्ति होती है। षष्ठ एवं अष्ठ कुंड से एश्वर्य की प्राप्ति है। योनि कुंड में आहुति देने से संतान की प्राप्ति होती है। इस प्रकार के नवग्रह कुंडों का हवन में विशेष महत्व है।