_______
जसवंतनगर(इटावा)। सन् 2007 से लगातार नगर में आयोजित हो रहे जैन शिक्षण शिविर की तैयारियां जोर-शोर से प्रारंभ हो गई है।
उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से पधारे विद्वानो ने मंगलवार को नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पहुंचकर आयोजकों को शिविर से संबंधित दिशा निर्देश दिए। उनके सुझावों को क्रियान्वित करने के लिए उन पर गंभीर मनन किया।
विद्वानों ने कहा कि जीवन में संस्कारों का बहुत महत्व है। हम अपने बच्चों के लिए क्या छोड़ कर जा रहे हैं?… यह बहुत जरूरी है। छोटे बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे भविष्य में बच्चे अन्याय, अनीति, अभक्ष्य आदि चीजों से बचकर सही रास्ते पर आगे बढ़ते रहें इसका रास्ता पता चलेगा। संस्कारित बच्चे ही समाज की पूंजी हैं। जैन पाठशालाओं का आयोजन भी इसी कड़ी में सकारात्मक पहल है।
नगर के जैन मंदिर में प्रतिदिन चल रही जैन पाठशाला की भी तारीफ करते हुए उनने आयोजकों के साथ-साथ पढ़ने वाले सभी बच्चों की प्रशंसा भी की।
शिविर प्रभारी निकेतन जैन ने बताया कि सकल जैन समाज के सहयोग से आगामी 6 जून से 14 जून तक इस शिविर का नगर में धूमधाम से आयोजन श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मंदिर में किया जा रहा है।
पधारे विद्वान पं.अंकुर शास्त्री, एवं पं.प्रिंस शास्त्री ने संयुक्त रूप से बताया केकेपीएस उज्जैन, श्री कुंदकुंद स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन भिंड के संयुक्त तत्वाधान में मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के सैकड़ो नगरों में एक साथ ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाता है । पूरे देश के 300 से अधिक विद्वानों द्वारा 15000 से ज्यादा बच्चों को जैन संस्कारों का वीजारोपण किया जाता है। शिविरों में उनको पाठ्यक्रम के साथ-साथ सभी चीजों को निशुल्क प्रदान करते हुए “जिन धर्म” के मार्ग पर आगे बढ़ाने हेतु जैन संस्कारों को सिखाया जाता है। कार्यक्रम में महिला मुमुक्षु मंडल के साथ-साथ सकल जैन समाज उपस्थित रहा।