जसवंतनगर (इटावा)। सोमवार को ज्येष्ठ माह की अमावस होने के कारण सुहागिन महिलाओं ने “वर अमावस” का पर्व अपने पति की दीर्घ आयु की कामना के साथ निर्जला व्रत रखकर धूमधाम और उत्साह से मनाया।
बताते हैं कि बट अमावस और बट सप्तमी पर सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं । ऐसी मान्यता है कि बट के वृक्ष में भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों का वास होता है।
यह तीनों देवता यमराज से पतियों की सुरक्षा करते हैं। बताते है कि सती सावित्री ने इसी व्रत को रखकर यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। उस मृत्यु तिथि होने के बावजूद जीवित वापस पा लिया था।
महिलाओं ने वर्मावस के अवसर पर यहां नगर में जहां-जहां भी वट वृक्ष थे, उन पर जाकर पूजा अर्चना की और वट वृक्ष के चारों और सात परिक्रमा करते हुए कलावा घुमाया। विधि विधान से पूजाऔर आरती की साथ ही परमावस की कथा का पाठ किया।
नगर के कोठी कैस्थ इलाके में बहुत सी महिलाएं पूजा करने पहुंची। नगर की महिलाओं की अन्य वट वृक्षों के नीचे भीड़ रही। अनेक महिलाओं ने अपने घर पर ही वटवृक्ष की डाली मंगा कर विधि विधान से पूजा अर्चना की और अपना निर्जला व्रत खोला।
एक सुहागिन महिला श्रीमती विमल कुमारी ने बताया कि वह पिछले 33 वर्षों से हर वर्ष इस व्रत को कर रही है। अगले सप्ताह पडने वाले बट सप्तमी पर भी वट वृक्ष की पूजा करेगी।
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*वेद व्रत गुप्ता