यमुना के प्रदूषित होने से हम सब पी रहे प्रदूषित भूगर्भीय जल:प्रकाश चैतन्य महाराज
*शांति देवी इंटर कॉलेज में मत भागवत कथा का चतुर्थ दिवस *लोग सुन रहे है प्रकाश चैतन्य जी के प्रभावी प्रवचन

फोटो:-मद भागवत कथा में प्रवचन करते स्वामी प्रकाश चैतन्य जी महाराज तथा जुटी श्रोता महिलाएं
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जसवंतनगर (इटावा) । नगर के शांती देवी इंटर कॉलेज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन करते हुए आचार्य प्रकाश चैतन्य जी महाराज ने सोमवार को कहा है कि यमुना मैया के प्रदूषित होने से यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक के सभी गांवों, कस्बों और नगरों के लोगों को, जो भूगर्भ जल पीने को मिल रहा है, वह प्रदूषित है । उसमें अनेक विषाक्त केमिकल्स हैं। इसी वजह से मनुष्य और जीव जंतु आए दिन अनेक रोगों और बीमारियों के शिकार होते हैं।
महाराज जी ने कथा प्रवचन के दौरान यमुनोत्री लेकर प्रयागराज तक के कई शहरों के प्रदूषित यमुना जल के नमूने श्रोताओं को दिखाएं।
श्री हर यमुना पथ सहयोग समिति द्वारा आयोजित समिति के लक्ष्य 108 मद भागवत कथाओं के क्रम में 64वीं मद भागवत कथा के आयोजन के चौथे दिवस भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सुनाते कथाचार्य जी ने यह बात कही तथा अपील की यमुना को प्रदूषण से बचने के लिए जन-जन को जुटना चाहिए और सरकारी निर्भरता पर नहीं रहना चाहिए।
यह मद भागवत कथा पूर्व पालिका अध्यक्ष विमलेश यादव और कॉलेज के पधानाचार्य डॉक्टर प्रतीक यादव के संयोजकता में में चल रही है । भागवत कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु कॉलेज परिसर में पहुंच रहे हैं। महिलाओं की भीड़ से खचाखच प्रांगण भरा हुआ था।
इस तरह की 108 श्रीमद् भागवत कथायें, जो यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक व प्रयागराज से यमुनोत्री तक यमुना जी के दोनों तटों पर आयोजित कराई जा रही है। श्रीमद्भागवत कथा में अपनी समिति के मुख्य उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कथाचार्य ने बताया कि कथा का प्रथम उद्देश्य यमुना जी, जो दूषित है वह यमुना शुद्ध बने, स्वच्छ बने पवित्र, निर्मल वन एवं लोग यमुना की प्रकृति और प्रवृत्ति को समझ सके।
स्वामीजी प्रकाश चेतन महाराज ने कथा में कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का प्रथम कर्तव्य है। जिसमें नदी, तालाब, सरोवर, वन में रहने वाले संपूर्ण जीव जंतु उनके प्रति दया का भाव,पूर्णरुप से संपूर्ण प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन करने का हम अपना कर्तव्य हम पूरा करें।
कथा के माध्यम से जन जन को यह संदेश दिया जा रहा है कि जल है जीवन है ।
पूज्य महाराज जी द्वारा कथा में कहा कि शुकदेव जी ने मद भागवत कथा में कहा है कि अंत समय यदि नारायण की स्मृति हो जाए, तो जीवन धन्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि हर सनातनी धर्मी को अपने घर में मद भागवत कथा पुराण अवश्य खरीद कर रखना चाहिए। और कम से कम एक अध्याय का पूर्ण पाठ और उसका मनन करते हुए जीवन बिताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस जगत में दो ही मित्र हैं, अभिज्ञात यानी भगवान दूसरा पुरंजनी यानी जीवात्मा। गर्भ में सदैव भगवान की स्मृति हर जीव को उल्टा लटकने पर आती है, मगर पृथ्वी पर आकर हम सब भगवान की स्मृति को भूलकर पापों में जुट जाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि दो-चार दिन भूखा रहे तो कुछ भी खाने को तैयार हो जाता है और यह भूल जाता है कि वह मनुष्य और भगवान की सबसे बड़ी कृति है। जब कि यदि गधे को वह भले ही दो-चार दिन भूखा रहे, और उसके सामने यदि मांस डाला जाए तो वह किसी भी कीमत पर मांस नहीं खाएगा । इससे हम मनुष्यों को सीख लेनी चाहिए।
हर मनुष्य कथा सुनकर अपना जीवन सुधार सकता है। गधा कथाएं सुनकर कभी घोड़ा नहीं बन सकता । इस संसार में पांच प्राण वायु जब तक है तब तक जीव जीवित रहता है।
शांती देवी इंटर कॉलेज में हो रही इस श्री मद भागवत कथा का सीधा प्रसारण हरि यमुना पथ यूट्यूब चैनल पर प्रतिदिन साय 3 बजे से 7 बजे व संतवाणी टीवी चैनल पर रात्रि 8 बजे से लेकर 11 बजे तक हो रहा है।
कथा में परीक्षित संतोष तिवारी(पीटीआई) थे। चंद्र प्रकाश यादव, विक्कू तिवारी, यादव सिंह, प्रशांत यादव, रजत यादव, संदीप यादव, ऋषि प्रताप, सुजय, हिमांशू गोरे, हर्षित , शिवम जीतू, शिवम , पीके यादव, अनूप सीटू, राजकुमार, आदेश यादव, जितेंद्र यादव, उमेश पाराशर, उदयवीर, दीपक ओझा आदि व्यवस्था रत थे।
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*वेद व्रत गुप्ता