
फोटो :- जसवंत नगर की सड़कों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों का पथ संचलन होता हुआ
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जसवंतनगर,( इटावा)।हिंदू नववर्ष के शुभारंभ अवसर ‘नव संवत्सर प्रतिपदा’ के उपलक्ष में गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने जसवंत नगर की धरती पर एक अनुशासित, गरिमामय व उत्साहपूर्ण पथ संचलन निकालकर देशभक्ति व संस्कृति का संदेश दिया। कस्बे की प्रमुख सड़कों से गुजरता हुआ यह आधा किलोमीटर लंबा पथ संचलन स्थानीय जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
शाम साढ़े 4 बजे से ही स्वयंसेवक गणवेश में तैयार होकर नगर के बिलईया मठ के पास सरस्वती शिशु मंदिर में एकत्र होने लगे। पूर्ण अनुशासन और समय की मर्यादा में बंधे इन स्वयंसेवकों ने सबसे पहले ध्वज वंदन किया और नव संवत्सर के महत्व पर संक्षिप्त उद्बोधन विभाग प्रमुख राम नरेश शर्मा और प्रमुख वक्ताओं से सुना। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम् और संघ प्रार्थना से हुआ, जिसने वातावरण को ऊर्जा और भक्ति से भर दिया।
इसके बाद संगठित रूप में पथ संचलन का प्रारंभ हुआ। सबसे आगे ध्वज वाहक, उसके पीछे नगाड़ा व घोष दल, और फिर लाठीधारी स्वयंसेवकों की कतारें। गणवेशधारी स्वयंसेवकों की कदमताल, घोष वादन की लय, और जयघोषों की गूंज से नगर की गलियां देशभक्ति से सराबोर हो गईं। ‘भारत माता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’, और ‘जय श्रीराम’ के घोषों से वातावरण गूंज उठा।
नगरवासियों ने अपने-अपने घरों की छतों, बालकनियों और दुकानों से स्वयंसेवकों का पुष्पवर्षा से स्वागत किया। कई स्थानों पर महिलाओं और युवाओं ने आरती कर पथ संचलन का अभिनंदन किया। बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया, जो पूरी प्रक्रिया को देख भावविभोर हो उठे।
एक खुली जीप म गुरु गोलवलकर आदि के चित्र लगे थे और रामनरेश शर्मा आदि उसमें सवार होकर स्वयंसेवकों की गतिविधियों पर नजर रखे थे।
पथ संचलन कस्बे के मुख्य मार्गों कटरा पुख्ता कटरा बुलकीदास रोड,हायवे बस स्टेंड रामलीला मैदान, सदर बाजार, लुदपुरा जैन मंदिर रोड, और रेलमंडी से होते हुए पुनः प्रारंभिक स्थल पर समाप्त हुआ।
इस दौरान नगर के सभी मार्ग पूरी तरह व्यवस्थित रहे और ट्रैफिक व्यवस्था को स्वयंसेवकों द्वारा संभाल लिया गया।
पथ संचलन के में मुख्य वक्ता रामनरेश शर्मा विभाग प्रचारक ने नव संवत्सर की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय नववर्ष केवल एक तिथि नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का पुनर्जागरण है। संघ का उद्देश्य राष्ट्रहित में चरित्रवान, संयमी व सेवा-भावी समाज की स्थापना करना है।
उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें हमारे गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है, जब राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत् की शुरुआत की थी। यह केवल पंचांग की शुरुआत नहीं, बल्कि उस संस्कृति का स्मरण है, जिसने समग्र विश्व को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दिया।
पथ संचलन में नगर कार्यवाह राजकुमार यादव, अमित यादव नगर कार्यवाह सहित अनेक वरिष्ठ स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही। इनके नेतृत्व में पूरे आयोजन को अत्यंत अनुशासित एवं गरिमामय रूप से सम्पन्न किया गया।
पथ संचलन में युवाओं की सहभागिता उल्लेखनीय रही। लगभग 1000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इनमे कई छात्र, व्यापारी, शिक्षक, किसान व कर्मचारी वर्ग से थे। स्थानीय विद्यालयों से जुड़े छात्रों का भी जोश देखते ही बनता था। उन्होंने बताया कि वे संघ की शाखाओं में नियमित रूप से प्रशिक्षण लेते हैं और समाज सेवा में संलग्न रहते हैं।
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*वेद व्रत गुप्ता