नवरात्रि के आखिरी दिन घर- घर कन्या-लांगुर भोज, ब्रह्माणी पर चढ़े सैकड़ों झंडे 

    * केला त्रिगमा देवी, धरबार और भोजेश्वरी मंदिरों पर दर्शनार्थियों  की रही भीड़      *जमकर हुए भंडारे, हर तरफ देवी भवानी की जय

    जसवंतनगर (इटावा)। नवरात्रि के नौ दिनों के समापन और भगवान राम के जन्म दिवस पर रविवार को नगर में अनेक स्थानों पर भंडारे आयोजित किए गए। घर-घर कन्या और  लांगुरों को भोज कराया गया।
       नवरात्रि पर्व हिंदुओं के लिए सर्वाधिक पूजा-पाठ ,हवन और देवी दर्शन के लिए होता है। नवरात्रि के पहले दिन से ही मंदिरों और घरों में कलशों की स्थापना की जाती है। गृहस्थ लोग देवी विराजित करते हैं ।9 दिन तक श्रद्धालु रोजाना देवी के समक्ष हवन में आहुतियां देते हैं।कई तो रोजाना व्रत रखते हैं।इसके अलावा अखंड ज्योति भी कई घरों में जलाई जाती है।
     चैत्र नवरात्रि  हर वर्ष  अक्सर अप्रैल के महीने में पड़ती है।  बसंत का महीना होने के कारण लोग  चैत्र नवरात्रि में  अन्य नवरात्रियो  से ज्यादा पूजा पाठ करते हैं।
      नवरात्रि में कन्याओं और लांगुरो को भोज कराने की प्रथा भी है। इन्हें भोज कराना सीधे देवी-देवताओं को भोजन करवाना माना जाता है। इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान घरों में ऐसे भोज चलते हैं।लेकिन नवरात्रि के आखिरी दिनों अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को भोज कराना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
      श्रद्धालु लोग यह एहसास करते हैं कि उनके घरों में कन्यायों के रूप में स्वयं देवी मैया पधारी हैं। कन्याओं को भोज करवाने से पहले उनके चरण धोये जाते हैं, जिनका रसपान हर गृहस्थ करते है । कन्या  लांगुरों की पूजा करके उन्हें भोज करा कर उन्हें भेंट और दक्षिणा दी जाती है।
     जसवंत नगर के विद्वान पंडित  कमलेश तिवारी बताते हैं कि नवरात्रि के दिनों में देवी आराधना से जहां मनोकामनाएं पूरी होती हैं वहीं कन्या लंगुरो को भोज कराने से अनेक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
      रविवार को ज्यादातर घरों में देवी पूजा के पारायण के साथ कन्या लंगूरा भोज हुए। उन्हें हलवा ,चना, जलेबी, अन्य मिठाइयां तथा बच्चों की रुचिकर  मैगी तक परौसी गई। हलवाइयों की दुकानों पर सवेरे से ही जलेबियां की बिक्री जमकर हुई। नगर के प्रसिद्ध हलवाई प्रवीण जैन उर्फ पिंटू जैन ने बताया है कि चैत्र नवरात्रि के समापन के कारण रविवार को सवेरे से ही जलेबियां की बिक्री सर्वाधिक हुई जितना वह महीने दो महीने में बेच पाते थे,उतना जलेबियां रविवार को बिकी।
        नवरात्रि पर्व समापन और भगवान राम के अवतरण दिवस को लेकर जगह-जगह लोगों ने भंडारों का आयोजन किया ।
     यहां नगर के केला त्रिगमां देवी  मंदिर पर सवेरे से ही भक्त लोग देवी की पूजा और दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। दिन भर गगनचुंबी झंडा और घंटे चढ़ाने का क्रम चला । मंदिर क्षेत्र में जबरदस्त भीड़ रही।
      इसके अलावा मंदिर व्यवस्थापकों ने  विशाल भंडारे का भी आयोजन किया । भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने के लिए लोगों की भीड़ जमकर जुटी ।
प्रातः कालीन, दोपहर और सायं कालीन आरती का भी आयोजन हुआ। नगर में चैत्र नवमी तथा रामनवमी के कारण कम से कम दो दर्जन स्थानों पर लोगों ने भंडारा वितरण कराया गया  ।कहीं – कहीं लोगों ने शरबत, कोल्ड ड्रिंक ,आइसक्रीम  बटबाई । इसके अलावा  भंडारों में पूड़ी और भंडारे की सब्जी भी बांटी गई।
        ब्राह्मणी मंदिर पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाव, सैकड़ो झंडे  घंटे चढ़े
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    जसवंत नगर कस्बा से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित और यमुना के बीहड़ों में विराजित देवी “ब्रह्माणी  देवी मंदिर” पर नवरात्रि के दौरान चल रहे विराट मेले में शुक्रवार, शनिवार और रविवार को जबरदस्त भीड़ हुई।
      नवरात्रि के आखिरी दिन अनुमान है कि 50 -60 हजार से ज्यादा लोग दर्शनों को पहुंचे । तीन चार  दिनों से झंडा चढ़ाने का क्रम तेज हुआ था।  बुधवार को अंतिम दिन देर रात से लेकर देर शाम तक 18 घंटे के दौरान कम से कम 400 झंडा दूर-दूर से आकर लोगों ने चढ़ाये। बराबर लांगुरिया की गूंज मंदिर परिसर में होती रही।  श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही।
     इसी प्रकार  भतौरा गांव  स्थित  भोजेश्वरी देवी के मंदिर पर भी मेला लगा। धरबार गांव और कटेखेरा में भी स्थित मंदिरों पर भारी संख्या में देवी दर्शनों को श्रद्धालु पहुंचे। झंडा- घंटे जमकर चढ़ाये गये । नन्हे मुन्ने बच्चों के मुंडन के कार्यक्रम भी मंदिर के पास लोगों ने करवा कर लोगों ने पुण्य कमाया।
__वेदव्रत गुप्ता
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 फोटो :- जसवन्तनगर कस्बा में  एक घर पर आयोजित होता
 कन्या लांगुर भोज, ब्राह्मणी मंदिर के झंडा कुंड में लहराते सैकड़ो गगन चुंबी झंडे

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