लवेदी के बहादुरपुर शान्तिधाम आश्रम पर रामकथा का कलश यात्रा के साथ शुभारम्भ हुआ। महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर पीताम्बर बस्त्र धारण कर गांव का भ्रमण कलश रखकर किया।
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बकेवर
लवेदी थाना क्षेत्र के गांव बहादुरपुर स्थित शांति धाम आश्रम में स्थानीय ग्रामवासियों के सहयोग से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को भव्य कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। कलश शोभायात्रा में सिर पर कलश रखकर गांव की कन्याएं व महिलाओं ने सैकड़ों की संख्या में भाग लिया। गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा ने समूचे गांव का भ्रमण किया। शोभा यात्रा शांति धाम आश्रम से होकर ग्राम बहादुर पुर होते होते हुए श्रीमद्भागवत कथा पंडाल में आकर समाप्त हुई। जहां कि व्यास पीठ पर वैदिक रीति नीति एवं मंत्रोच्चार के बीच कलशों की स्थापना की गई। पहले दिन की कथा का गुणगान करते हुए चित्रकूट धाम से पधारे संत 1008 राघव दास जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।