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जसवंतनगर (इटावा)। यहां के रामलीला महोत्सव का अंतिम और बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम “अखिल भारतीय कवि सम्मेलन” शनिवार रात जब आयोजित किया गया,तो 6 घंटे तक श्रोता और अतिथिगण मंत्रमुग्ध होकर काव्य हस्ताक्षरों की रचनाएं सुनते रहे।
इसअखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ,विधायक शिवपाल सिंह यादव, उनके सुपुत्र सांसद बदायूं आदित्य यादव ‘अंकुर’ तथा हाई कोर्ट के सुप्रसिद्ध एडवोकेट प्रदीप गुप्ता सम्मेलन की समाप्ति तक सम्मेलन में बराबर डटे रहे। उन्होंने कवियों की रचनाओं को जमकर प्रोत्साहित किया। बाद में कवि सम्मेलन की जमकर सराहना भी की।
महोत्सव के सुसज्जित मंच पर मौजूद स्वर्गीय हस्तियों के चित्रों को नमन करते तथा वीणावादिनी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन करके शिवपाल सिंह यादव, आदित्य यादव तथा प्रदीप अग्रवाल एडवोकेट ने कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता, प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू ,कवि सम्मेलन के संयोजक तथा रामलीला समिति के उप प्रबंधक एवं विधायक प्रतिनिधि ठाकुर अजेंद्र सिंह गौर एवं समिति के अन्य सदस्यों ने तीनों अतिथियों का अभिनंदन प्रतीक चिन्हों तथा 51 किलो वजनी फूलों की माला पहनाकर किया गया।
विधायक शिवपाल सिंह यादव ने अपने भाषण में इस अवसर पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी भगवान राम के नाम का चुनावी उपयोग भर करती है । कभी राम के नाम पर कोई काम नहीं किया। हमारी सरकार और हमने यहां के रामलीला मैदान को जो नया रूप दिया है, ऐसा पूरे देश में किसी भी रामलीला मैदान का नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भगवान राम और कृष्ण के पदचिन्हों पर चलने वाले सच्चे समाजवादी हैं। भविष्य में भी यहां और प्रदेश भर की रामलीलाओ के उत्थान के लिए, जो भी हम पर बन पड़ेगा वह हम और हमारी पार्टी तथा हमारी आने वाली सरकार करेगी ।
शिवपाल सिंह यादव से अनेक लोगों ने जसवंत नगर थाना पुलिस की कार्य शैली की जमकर शिकायतें की, जिस पर उन्होंने कहा कि यदि पुलिस हमारे क्षेत्र के लोगों के साथ उत्पीड़न और वसूली अभियान बंद नहीं करेगी, तो हम किसी भी हद तक जाकर उन्हें दुरुस्त करेंगे।
सांसद आदित्य यादव ने भी जसवंत नगर की रामलीला के इतिहास को अभिनव और गौरवपूर्ण बताया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत लखनऊ से पधारी कवियत्री “साक्षी तिवारी” ने सरस्वती वंदना के साथ की। उन्होंने अपनी रचना.. ‘मेरी मां भारती! जब शीश का बलिदान मांगेगी,तो भारत की हर बेटी भगत सिंह को जन्म देगी।’ से लोगों को रोमांचित किया।
कानपुर से पधारे “हेमंत पांडे” ने अपनी हास्य रचनाओं से लोगों को खूब गुदगुदाया।उन्होंने जसवंतनगर के सपा गढ़ में अपनी रचना – “चू रहा है पानी लेकर तिरपाल बैठे हैं, ओढ़कर आजकल लोग भेड़िए की खाल बैठे हैं।अखिलेश की साइकिल से मत टकराना,पीछे राहुल और आगे शिवपाल बैठे हैं।’.. जमकर तालियां बटोरीं ।
अंतर्राष्ट्रीय कवियत्री “शबीना अदीब” ने अपनी कई गजलें और मधुर शायरियां अपने मधुरिम गले से प्रस्तुत की और अपनी ख्याति के अनुरूप कवि सम्मेलन लूट ले गई। उन्होंने अपनी रचना- ‘अपनी डाली से बिछड़े अलग हो गए, पेड़ के सारे पत्ते अलग हो गए। ईश्वर भी वही है, खुदा भी वही,जाने क्यों उसके बंदे अलग हो गए!… से राष्ट्रीय सांप्रदायिक सौहार्दता की हनक पैदा की। उन्होंने अपनी रचना तुम्हारी दौलत नई-नई है, भी सुनाई।
कवि सम्मेलन की रौनक तथा लोगों को जिनकी सर्वाधिक प्रतिक्षा थी, वह गीत सम्राट”विष्णु सक्सेना” जब माइक पर आये,तो लोगों के दिलों में छा गए।उन्होंने एक के बाद एक कई गीत पढ़े। फिर भी लोगों का मन नहीं भरा। डेढ़ घंटे में अपनी 6 से ज्यादा रचनाएं सस्वर सुनाई… “थाल पूजा का लेकर चले आइए, मंदिरों की बनावट सा घर है मेरा।”….”रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा ,एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं। तुमने पत्थर सा दिल हमको कह तो दिया, पत्थरों पर लिखोगे तो मिटेगा नहीं।”
इसके अलावा उनकी रचना…”मैं वही खड़ा तुमको मिल जाऊंगा, जिस जगह जाओगे तुम मुझे छोड़ कर।”
समय की सीमा के बावजूद श्रोतागण और विधायक शिवपाल सिंह यादव, विष्णु सक्सेना को और सुनने को बेताब थे। संचालक सुमित ओरछा ने अपने उच्च संचालन के बल पर जैसे तैसे श्रोताओं को मनाया और कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाया।
वीर रस के कवि अर्जुन सिसोदिया ने अपनी शहीद चंद्रशेखर आजाद पर रचना सुनाकर श्रोताओं के रोंगटे खड़े कर दिए।
इटावा की बेटी प्रतीक्षा चौधरी ने बड़े ही शानदार ढंग से अपने गीत प्रस्तुत किये। वह बराबर तालियों की गढ़गड़ाहट से लोगों का दिल लूटती रही। उन्होंने बेटियों और भगवान श्री कृष्ण पर अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत की।
आंखों से दिव्यांग अकबर ताज ने अपनी रचना – “मुझे तू राम के जैसा या लक्ष्मण बना देना, सिया के मन के जैसा मन-दर्पण मेरा बना देना, मुझे अंधा बनाया है, तुमने मुझको गम नहीं इसका,मेरी संतान को मगर श्रवण बना देना।”
इटावा शहर के लाडले कवि मयंक बिधौलिया ने अपनी रचना -“हम भी जो लिखने लगे गोरियों के गाल पर, फिर इंकलाब की भाषा बोलो कौन बोलेगा?… उन्होंने न केवल स्रोताओ को आकर्षित किया, बल्कि मंचासीन कवियों ने भी जमकर तालियां बजाई। देश भर के मंचों के सचालक संचालक सुमित कुमार ओरछा कीहर एक किसी ने तारीफ की।
इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भारी भीड़ जुटी थी। इसके अलावा पूर्व ब्लाक प्रमुख तथा चौधरी सुघर सिंह ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के प्रबंध निदेशक अनुज मोंटी यादव, विधायक प्रतिनिधि विश्वनाथप्रताप सिंह यादव “सोनू”, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य “बबलू”, जिला सचिव जितेंद्र यादव उर्फ “मोना यादव” अश्विनी पुरवार, हाजी शमीम, ब्लॉक सपा अध्यक्ष रामवीर सिंह यादव आदि विशेष रूप से मौजूद थे।
इनके अलावा रामलीला समिति के अनिल कुमार गुप्ता “अन्नू”, राजेंद्रकुमार गुप्ता एडवोकेट, किशन सिंह यादव “मेंबर साहब”,उमाशंकर एडवोकेट, रामनरेश यादव “पप्पू”, प्रमोद माथुर, राजीव गुप्ता माथुर,विवेक रतन पांडे,डॉक्टर पुष्पेंद्र पुरवार, राहुल शाक्य, राजकमल गुप्ता कोयला वाले निखिलगुप्ता, तरुण मिश्रा,शुभ गुप्ता प्रभाकर दुबे, प्रण उर्फ टीटू दुबे, धर्मेंद्र कुमार चक बूटी,रामकृष्ण दुबे, उमेश नारायण चौधरी, आदित्य कटारे(राम)गोपालवाजपेई(लक्ष्मण),आदित्य मिश्रा (सीता),प्रशांत पाठक(भरत), पार्थ अग्निहोत्री (शत्रुघ्न), यश दुबे, श्रेयश मिश्र (हनुमान) आदि भी मौजूद रहे। रामलीला समिति ने सभी पात्रों का सम्मान किया। -वेदव्रत गुप्ता
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