जसवंतनगर में रामकथा के दौरान हुआ, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म

 फोटो :- राम कथा के दौरान भगवान राम के  जन्म पर भगवान राम के बाल रूप की पूजा अर्चना करते  अन्नू गुप्ता और उनकी धर्म पत्नी। मौजूद राजीव गुप्ता प्रबंधक की पत्नी मेघा गुप्ता
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  जसवंत नगर (इटावा)। यहां रामलीला महोत्सव में चल रही राम कथा में शनिवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्म की कथा का वर्णन वृंदावन से पधारी आचार्या पूजा दीदी शास्त्री ने जब किया, तो राम के जन्म के समय “भए प्रकट कृपाला, दीन दयाला  की गूंज….” से रामलीला महोत्सव  का पंडाल गूंज गया।
      राम कथाचार्या ने बताया कि भगवान राम का जन्म जब हुआ था, त्रेता युग चल रहा था। अयोध्या में राम का जन्म, विश्व की एक महत्वपूर्ण घटना थी,जिसे “राम जन्म” या “राम नवमी” के रूप में मनाया जाता है।  रामनवमी हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनायी जातो है। यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र दिन है।
        उन्होंने बताया कि अयोध्या सूर्यवंशी राजा दशरथ की राजधानी थी।
रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के कोई संतान नहीं थी, जिससे वे अत्यंत चिंतित रहते थे। अपने राज्य के उत्तराधिकारी के लिए उन्होंने पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ के बाद, अग्निदेव ने यज्ञ में भाग लेने वाले राजा दशरथ को खीर दी, जिसे उनकी तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा, और कैकेयी ने ग्रहण किया। इसके परिणामस्वरूप, कौशल्या से भगवान राम का जन्म हुआ, सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न, और कैकेयी से भरत का जन्म हुआ।
         कृष्ण प्रिया आचार्या पूजा दीदी ने प्रवचनों के दौरान बताया कि भगवान राम विष्णु के सातवें अवतार थे, जिन्हें धरती पर धर्म की स्थापना के लिए भेजा गया था। उनका जन्म अत्याचार और अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था, और वह मर्यादा में रहने वाले आदर्श पुरुष के रूप में पूजे जाते हैं।
      भगवान राम के जन्म को हिंदू धर्म में धर्म, न्याय और सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उनके जीवन की घटनाएं, विशेषकर रामायण, हर युग में धर्म और कर्तव्य का पालन करने की शिक्षा देती हैं। राम का चरित्र सदाचार, संयम, प्रेम, और त्याग का आदर्श उदाहरण है। उनका जीवन धर्म और मर्यादा के आदर्शों का पालन करने की शिक्षा देता है।
   राम नवमी के दिन भगवान राम के जन्म की खुशी में पूरे देश में भव्य आयोजन होते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा, हवन, और कीर्तन होते हैं। भक्त उपवास रखते हैं और भगवान राम के जीवन से संबंधित धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं, विशेषकर रामायण और रामचरितमानस। अयोध्या में इस दिन का विशेष महत्व है, जहां भगवान राम के जन्म स्थान पर भक्तों का बड़ा जमावड़ा होता।
   राम कथा के दौरान जैसे ही राम का जन्म हुआ पंडाल जय श्री राम के नारों से गूंज गया।
     शनिवार को कथा में यजमान के रूप में रामलीला कमेटी के सदस्य अनिल कुमार गुप्ता  अन्नू और उनकी धर्मपत्नी रंजना गुप्ता मौजूद थी, जिन्होंने भगवान राम के बाल रूप को झूले में झुलाया और उनकी बलइयां ली। राम जन्म की  बधाईयों से पूरा पंडाल  गूंज गया। क                इस अवसर पर रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता, प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू ,उपप्रबंधक तथा विधायक शिवपाल सिंह यादव के पतिनिधि ठाकुर अजेंद्र सिंह गौर , विशाल गुप्ता राजन,निखिल गुप्ता, रतन पांडे के अलावा रामलीला कमेटी की  अनेक हस्तियां भी मौजूद रहीं। उन्होंने बाल  रूप में भगवान की आरती उतारी और झूला झुलाया पूजा अर्चना की।
   इस अवसर पर मौजूद कृष्णमंडली  ने जबरदस्त नृत्य प्रस्तुत किया। रविवार से राम कथा में भगवान राम की लीलाओं का वर्णन होगा।
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*वेदव्रत गुप्ता
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