जसवंतनगर (इटावा)। मंगलवार रात से हो रही मूसलाधार बरसात के कारण न केवल जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है बल्कि सैकड़ो की संख्या में वृक्ष उखड़ गये है । अनेक कच्चे पक्के मकान, नाले नालियां आदि ध्वस्त हो गई है। किसने की खेती को भी भारी नुकसान हुआ है।
नगर के लोहा मंडी मोहल्ला उग्री जैन पेड़ा वालों की दुकान के करीब भारी बरसात के चलते एक मकान का छज्जा गिरने से वहां से गुजर रहे दो बाइक सवार घायल हो गये। दोनों घायलों सुल्तान अहमद 32 वर्ष और फरहान 35 वर्ष को गंभीर हालत के चलते सैफई पीजीआई रेफर किया गया है। बाइक चकनाचूर हो गए। घटना की सूचना पर मौके पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने पहुंचकर राहत और बचाव कार्य किया।
विद्युत व्यवस्था भी बुधवार सुबह से क्षेत्र भर में फेल है। लोग इंद्र देवता से अपने प्रकोप से मुक्ति देने की प्रार्थना कर रहे है।
जसवंत नगर क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से बरसात के मौसम में इस तरह की मूसलाधार बरसात होते नहीं देखी गई है, जैसी कि इस बार हो रही है। बरसात के कारण सर्वत्र जल भराव के हालात है ।
यहां नगर में सदर बाजार, रामलीला रोड, कैस्त रोड , कन्या माध्यमिक विद्यालय रोड, सदर बाजार छोटा चौराहा आदि पर स्थित अनेक दुकानों में पानी घुस गया। लोग पानी निकालते देखे गए।भारी बारिश के चलते हुए जो कचरा सिरसा नदी में जमा हुआ था, उसकी वजह से सिरसा नदी ने भी नगर और आसपास क्षेत्रों में विकराल रूप ले लिया।
ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और भी खराब बताए गए है।किसानों के खेतों में बुरी तरह जल भराव होने से बाजरा समेत अन्य खरीफ की फसलों का भारी नुक्सान हुआ है। वे या तो डूब गई है अथवा तेज वर्षा के कारण खड़ी फसलें गिर गई है।
जसवंतनगर कस्बा में एक दर्जन से ज्यादा मकान भारी वर्षा के चलते या तो क्षतिग्रस्त हुए हैं अथवा गिर गए है ।जैन मोहल्ला में एक मकान के गिरने से कई लोग चुटेल हुए बताए गए हैं।
वहीं हाईवे किनारे एनएच 2 का एक नाला लगातार हो रही मूसलाधार बारिस के चलते पलटने से नगर पालिका का नाला छतिग्रस्त हुआ है,जिसकी सूचना मिलते ही मौक़े पर नगर पालिकाध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार, अधिशासी अधिकारी श्याम वचन सरोज पालिका के जेई रविंद्र सिंह,लिपिक विश्वनाथ प्रताप सिंह (सोनू) आदि मौके पर पहुंचे।
अभी तीन-चार दिन पहले 36 घंटे तक हुई बरसात से किसानों को उनकी फसलों को लेकर काफी नुकसान हुआ था। उस नुकसान को मंगलवार रात्रि से हो रही मूसलाधार बरसात ने और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। बाजरा की फसल तो 80% तक क्षतिग्रस्त हो गई है। धान की फसल जो अब पकाव की ओर बढ़ चली थी। उसे भी भारी वर्षा से काफी नुकसान है एक धान उत्पादक किसान ने बताया है कि भारी वर्षा के कारण धान की 50% तक फैसले पानी में सर तक डूब गई है।
किसानों ने अत्यावृष्टि का आकलन कर प्रशासन से हार्दिक सहायता की गौहर लगाई है।
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*वेदव्रत गुप्ता
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