Auraiya News: यूपी के औरैया से ऐसी ख़बर की दिल रो आए आपका: कलयुगी माँ ने तीन बेटों की नदी मे डुबाकर की हत्या चौथा बेटा बचा
कलयुगी माँ ने तीन बेटों की नदी मे डुबाकर की हत्या चौथा बेटा बचा
🔹माँ ने दिल दहला देने वाली घटना को दिया अंजाम
🔹औरैया अपने पारिवारिक देवर के साथ रहती है हत्यारिन माँ, तड़के औरैया से बच्चो को लेकर आई थी
रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया
औरैया (ब्यूरो)। औरैया जिले फफूंद थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देते हुए अपने तीन बेटों को नदी मे डुबोकर मार डाला वह अपने चार बेटों की हत्या करने के लिए उन्हें नदी किनारे लेकर आई थी। सबसे बड़ा आठ वर्षीय पुत्र बच गया। हत्यारिन माँ के घटना स्थल से जाने के बेटा किसी तरह नदी के पुल पर आया और पास स्थिति गांव वालों को घटना के बावत जानकारी दी। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, घटना स्थल पर पुलिस अधीक्षक भी पहुंची, मृतक तीन किशोरों के शव बरामद कर पोष्टमार्टम के लिए भेज दिए गये, हत्यारी माँ को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
फफूंद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ निवासी भूरे सविता की पुत्री प्रियंका 28 वर्ष की शादी लगभग दस वर्ष पूर्व बसरेहर थाना क्षेत्र के गांव लुईया निवासी अवनीश सविता के साथ हुई थी, दो वर्ष पहले अवनीश की घर मे करेंट लगने से मृत्यु हो गई थी, तब से प्रियंका अपनी ससुराल मे रह रही थी, चचिया ससुर ले लडके जो रिश्ते मे उसका देवर लगता है उसका आना जाना प्रियंका के पास था, गांव मे चर्चा हो जाने के कारण प्रियंका छः महीने पहले अपने मायके फफूँद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ आकर रहने लगी। तब चचिया देवर गांव मे उसके साथ ही रहने लगा। एक महीने पहले औरैया मे किराये का कमरा लेकर दोनों रहने लगे थे, प्रियंका के चार बेटे सोनू 8 वर्ष, आदित्य 7 वर्ष, माधव 6 वर्ष तथा मंगल डेढ़ वर्ष भी साथ रह रहे थे, देवर बालों की कटिंग का काम कर खर्च चला रहा था लेकिन दोनों मे रोज लड़ाई झगड़ा मारपीट होने लगी थी। गुरुवार को तड़के औरैया से प्रियंका अपने चार बेटों को लेकर गांव बरौआ के लिए चली गांव देवरपुर मे लोगों ने देखा कि तीन बच्चे पैदल चल रहे थे जबकि एक बच्चे को महिला गोद मे लेकर चल रही थी। वह बच्चों को लेकर सेंगर नदी का पुल पार करते हुए औरैया कोतवाली क्षेत्र के गांव ताल्हेपुर की और नदी के घाट पर पहुंची और बच्चों को डुबोकर मारना सुरु कर दिया जिसमे आदित्य 7 वर्ष, माधव 6वर्ष, मंगल डेढ़ वर्ष की मौत हो गई जबकि सबसे बड़ा बेटा सोनू 8 वर्ष किसी तरह बच गया। माँ के घटना स्थल से जाने के बाद सोनू किसी तरह रोड पर आया पुल पार करते हुए उसने पास स्थित गांव केशमपुर खाम मे जाकर घटना बताई। घटना स्थल पर हजारों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस कप्तान सहित भारी पुलिसबल घटना स्थल पर पहुंच गया। पुलिस ने तीनो किशोरों के शवों को पोष्टमार्टम के लिए भेज दिए। हत्यारिन माँ को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बडे बेटे सोनू ने पुलिस को बताई आपबीती
चार बेटों को मौत के घाट उतारने आई माँ के बारे मे बढ़े बेटे सोनू 8 वर्ष ने बताया कि माँ हम सबको नदी पर लाई और पानी मे डुबोकर मारा मुझे भी डुबोया मैंने आखें बंद कर ली थी माँ के जाने के बाद हम सड़क गये, एक अंकल मिल गए तब उन्हें बताया। सोनू अपने नाना के साथ था जो अब पुलिस कस्टडी मे है।
बच्चों के कपड़े और चप्पले नदी के किनारे रखी थी
मृतक बच्चों के कपड़े जैसे उनकी शर्ट, बनियान, नेकर और कुछ पैसे नदी के किनारे रखे थे l घटना स्थल पर रखे बच्चों के कपड़े माँ द्वारा किये गए खौफनाक मंजर की खानी बयान कर रहे थे।
ग्रामीणों के अनुसार हत्यारिन माँ कहती हुई जा रही थी
घटना स्थल कर करीबी गांव केशमपुर खाम मे चर्चा थी कि एक महिला यह कहती हुई जा रही थी कि मैंने अपने बच्चों को मार दिया है लोगो सुना तो लेकिन अपरचित होने के कारण किसी ने ध्यान नही दिया। घटना का पता चलने पर ग्रामीणों को ध्यान आया लेकिन तब तक वह जा चुकी थी।
लगभग दस वर्ष पूर्व हुई थी शादी
प्रियंका की सास राधा और नन्द ज्योति एवं आरती ने जानकारी देते हुए बताया कि भाई अवनीश के साथ लगभग दस वर्ष पूर्व प्रियंका की शादी हुई थी, दो साल पहले भाई की करेंट लगने से मृत्यु हो गई थी। तब से भाभी घर पर रह रही थी लेकिन चाचा का लड़का जो देवर लगता है भाभी के पास आता जाता था गांव मे खासी चर्चा और बदनामी हो जाने के बाद छः महीने पहले प्रियंका अपने मायके फफूँद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ आकर रहने लगी पारिवारिक देवर भी उसके साथ गांव आकर रहने लगा, लगभग एक दो महीने पहले औरैया मे किराए का कमरा लेकर दोनों खुलकर रहने लगे l वह हेयर कटिंग का काम करके खर्च चलता है। रोज-रोज दोनों मे मारपीट होती रहती है l ऐसी घटना को अंजाम दिया जाएगा यह हम लोगो को एहसास नही था। मृतक पति का एक का एक छोटा भाई दीपू 26 वर्ष है जो बाहर रहकर काम करता है, मृतक पति मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था।
सास देती थी बहू को खर्चे के लिए रुपए
हत्यारिन बहू की सास राधा ने रोते हुए बतया कि ग़रीबी के चलते वह भी औरैया रहकर दुसरो के घरो मे काम करती है हर महीने 1500 रूपये वह बहू को खर्चे के लिए देती थी l वह अलग रहती है जबकि बहू पारिवारिक देवर के साथ अलग रहती है l बेटे की मृत्यु के बाद बिजली विभाग से पांच लाख की सहायता मिली थी। हत्यारिन प्रियंका अब अपने मायके मे अकेली है एक भाई पवन था जिसकी दस वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है, माँ की भी मृत्यु हो चुकी है केवल पिता है जिनके साथ मायके मे रह रही थी अब औरैया रहती थी।