मानसून का बेसब्री से इंतजार, रोपाई के लिए पीला पड़ रहा धान

*बाजरा की बुवाई प्रभावित

फोटो:- धान की पीली पड़ती पौध
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जसवंतनगर (इटावा)।भीषण गर्मी का दौर जारी है। लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए मानसून का इंतजार कर रहे हैं। 
पिछले तीन महीनो में जहां गर्मी ने तापमान के नए-नए रिकॉर्ड स्थापित किये, वहीं इस वर्ष जसवंत नगर इलाके में अप्रैल और मई के महीनों में आने वाली आंधियां भी नहीं आई, इस वजह से मौसम निरंतर गर्म बना रहा है। 
     जून के महीने में धान उत्पादन करने वाले किसान रोपाई के लिए धान की क्यारियां बनाकर उनमें धन की पौध तैयार करते है, ताकि रोपण के लिए धान की पौध तैयार हो सके। मगर इस बार अभी तक बरसात ही नहीं  हुई है। किसान नलकूपों और नगर – बम्बा  पानी क्यारियां भरकर  धन बोए हैं,  तेज गर्मी से धान की पौध पीली पड़ रही हैं।
 किसानों को  ऐसी क्यारियों को रोजाना भरना पड़ रहा है , ताकि पीली पड़कर धान की पौध  मर  न जाए। 
    इस बार गर्मी ने जो तेवर दिखाये हैं, पुराने लोगों का कहना है कि इतनी भयंकर गर्मी पिछले कई सालों से नहीं पड़ी है। उनका कहना है कि गर्मियों में तापमान ज्यादा से ज्यादा 42 – 43 डिग्री पहुंचता था और इतनी गर्मी पड़ने पर अप्रैल में में आंधी आ जाती थी जिससे राहत मिल जाती थी। मगर इस बार इक्का दुक्का बार आंधी आई तो मगर उसमें कोई तेजी नहीं थी। आंधी के बाद हल्की-फुल्की बरसात भी हो जाया करती थी मगर इस साल ऐसा एक भी बार नहीं हुआ, उल्टे तापमान 48 डिग्री के आसपास तक पहुंचा, लू लपट भी रिकॉर्ड रूप से चली। 
       आमतौर से जसवंत नगर क्षेत्र में 22 जून के आसपास हर वर्ष मानसून दस्तक दे देता था। उससे पूर्व प्री मानसून की वर्षा हो जाती थी मगर इस साल अभी तक प्री मानसून की वर्षा भी नहीं हुई है। इधर दो-तीन दिनों के दौरान वर्षा के  छींटे जरुर पड़े हैं, जिससे लोगों को राहत मिलना तो दूर, गर्मी का एहसास उमस के चलते और ज्यादा बढ़ गया है। 
   तेज गर्मी पड़ने से मक्का उत्पादक किसानों की फसल जरूर  अच्छी उत्पन्न हो गई है।  मक्का के भुट्टे टूट कर किसानों के घर पहुंचे , जिन्हे मढ़ाई (निको कर) बाजार में मक्का की फसल बेचना शुरू भी कर दिया है। 
        दूसरी ओ बरसात न होने से बाजरे की फसल की बुवाई बाधित हुई है। बताया गया है कि अगले एक हफ्ता के दौरान यदि मानसूनी बरसात नहीं हुई, तो धान  बाजरा जैसी खरीफ फसलों को  रोपाई और बुबाई को काफी नुकसान होगा और इन फसलों का उत्पादन होगा।
____वेदव्रत गुप्ता

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