संस्कार शिविर में नाटक -“स्वार्थ का संसार” का हुआ मंचन

* स्मार्ट क्लासों से शिविर में बनाए जा रहे बच्चे स्मार्ट

फोटो :- जैन  धर्म के संस्कार शिक्षण शिविर में  क्लासेज चलती हुई, तथा नाटक का मंचन होता हुआ
जसवंतनगर(इटावा)  श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय संस्कार शिक्षण शिविर में  बच्चों को स्मार्ट क्लासिस के जरिए “स्मार्ट जैन” बनाया जा रहा है।  
   शिविर सयोजक आराध्य जैन और निकेतन जैन ने बताया है कि  स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर आदि संसाधनों से विभिन्न वर्ग की क्लासेस का आयोजन किया जा रहा है। स्वाध्याय और सामूहिक क्लासेज आदि को भी सरलता के साथ आयोजित कर जैन धर्म का मर्म समझाया जा रहा है। शिशु, बालबोध, किशोर, प्रौढ़ आदि कक्षाओं को बाल ब्रह्मचारी राहुल जैन, अमन शास्त्री, अभिषेक शास्त्री, अनिकेत शास्त्री, क्षमा जैन द्वारा बहुत ही सरल व सहज भाषा में लिया जा रहा हैं। 
      शिविर मॉनिटर कृति जैन ने बताया कि इससे बच्चों को धर्म  का मर्म सीखने में बहुत आसानी हो रही है। विभिन्न प्रयोगों द्वारा कक्षाओं को  चलाते हुए जैन ग्रंथों से जैन धर्म के सिद्धांत बताए जा रहे हैं।
     आयोजित हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज “स्वार्थ की दुनिया” नाटक का मंचन किया गया, जिसमें वर्तमान दौर में हो रहे स्वार्थ के रिश्तों को प्रदर्शित किया गया। समझाया गया कि किस तरह पैसे की खातिर एक पिता को उसके बच्चे बाजार में बेच देते हैं।  उस पिता को राजा खरीद कर अपनी राज्यसभा में बैठा लेते हैं।  राजा अपनी बुद्धिमत्ता और तर्क-वितर्क से निपुणता मैं पारंगत उसे बूढ़े पिता को अपना आधा राज्य सौंप देते हैं। बाद में बच्चों एवं बहू को अपनी गलती का एहसास होता है। वह पश्चाताप करके अपने पिता को गले लगाते हुए वापस घर ले आते हैं। 
      प्रेरणापूर्ण नाटकीय मंचन देख भावुक लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। तालियों की गड़गड़ाहट से मंचन में शामिल  बच्चों का जमकर उत्सवर्धन किया गया।
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*वेदव्रत गुप्ता
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