सैफई के चंदगीराम स्टेडियम में करोड़ों लागत की एस्ट्रोटर्फ हो रही है बर्बाद

_________      *नियमित नहीं होता टर्फ पर पानी का छिड़काव      *रखरखाव के लिए आने वाले पैसे का हो रहा है बंदरबांट

फोटो :- चंदगी राम स्टेडियम में बिछी हुई करोड़ों लागत की एस्टोटर्फ, जो  बरबादी की कगार पर
    
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     सैफई/जसवंत नगर (इटावा)। मास्टर चंदगी राम स्टेडियम, सैफई में करोड़ों रुपए की लागत से बिछाई गई एस्ट्रोटर्फ रखरखाव के अभाव में दिनों दिन बर्बाद हो रही है। भविष्य में यह एस्ट्रोटर्फ हॉकी एवं अन्य खेलों के योग्य शायद ही शेष रह पाए।
     

इस मास्टर चंदगी राम स्टेडियम में मुख्यमंत्री के रूप में रहे मुलायम सिंह यादव ने सबसे पहले 1995 में एस्ट्रोटर्फ बिछबाई थी, उस समय चंदगी राम स्टेडियम प्रदेश में इकलौता स्टेडियम था जिसमें एस्ट्रोटर्फ बिछवाई गई थी।  तब यह एस्ट्रोटर्फ ग्रीन रंग की थी, मगर बाद में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्लू कलर की एस्ट्रोटर्फ का चलन चला, तो मुलायम सिंह ने 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहकर चंदगी राम स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया से आयातित करके ‘ ब्लू कलर’ की एस्ट्रोटर्फ बिछबा दी थी।

     यह एस्ट्रोटर्फ बिल्कुल कृत्रिम घास जैसी ही होती है और इस पर समय-समय पर पानी का छिड़काव किये जाने से इसकी क्वालिटी बिल्कुल ग्रास मैदान की तरह बनी रहती है। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद पर  जब तक आसीन रहे, तो चंदगी राम स्टेडियम की टर्फ पर अनेक अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी मैच आयोजित होते रहे ।          स्टेडियम प्रशासन भी एस्ट्रोटर्फ की देखभाल और रखरखाव के लिए मैदान के चारों ओर कई समर पंप लगवाए थे, ताकि समय-समय पर इस डेढ़ सौ मीटर × डेढ़ सौ मीटर  क्षेत्रफल की टर्फ तरो ताजा और ग्रासी लुक में बनी रहे। इस  पर हर दूसरे तीसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाता था।  जिस दिन  कोई मैच होते थे, तो पानी का छिड़काव करके इसको मानक अनुसार मेंटेन किया जाता था, ताकि खिलाड़ी और गेंद  पर आराम से  टर्फ पर दौड़ लगा सके। सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज में पढ़ने वाले खिलाड़ी टर्फ पर प्रेक्टिस कर सकें।
   अखिलेश यादव सरकार के जाने के बाद सैफई में स्टेडियम की दशा, दिनोदिन दुर्दशा ग्रस्त हो रही है। चंदगी राम स्टेडियम की एस्ट्रो टर्फ का रखरखाव संबंधित अफसर और कर्मचारियों ने करना बंद कर दिया है। इस वजह से यह टर्फ दिन पर दिन बर्बाद हो रही है। बुरी तरह सूख रही या चटक रही है, क्योंकि पानी का छिड़काव और रखरखाव बिल्कुल ही नहीं किया जाता है। टर्फ के चारों ओर मैदान पर लंबी-लंबी घास जम आई है, जो भी कभी कटिंग नहीं की जाती और उसे घास को भी जिंदा रखने के लिए पानी की सिंचाई नहीं की जाती है।
     अगर ऐसी ही हालत रही तो  आने वाले समय में  यहां का एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान के रूप में  ही समाप्त हो जाएगा।
       मास्टर चंदगी राम स्टेडियम में आसपास क्षेत्र के खिलाड़ी और दौड़ लगाने वाले सुबह सवेरे आते हैं। उन्होंने बताया कि टर्फ पर चंदगी राम स्टेडियम के जिम्मेदार अफसर और  बाबू  रखरखाव के लिए आने वाले धन का बंदर बांट कर रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपए लागत की यह टर्फ अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। उन्होंने जिलाधिकारी तथा प्रदेश के खेल अधिकारियों से अनुरोध किया है कि एस्ट्रोटर्फ के रखरखाव पर अभिलंब ध्यान दिया जाए।
– वेदव्रत गुप्ता
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