उफ !.46 डिग्री टेंपरेचर……बाजारो में हर तरफ जाम के हालात

   *लोग बुरी तरह बेहाल     *पुलिस और पालिका प्रशासन          बेपरवाह       *स्कूल कालेज बंद, सहालग  भी नहीं, फिर भी हाल बेहाल

 फोटो :- जसवंत नगर के सदर बाजार में लगे जाम के दो दृश्य, बाजार में सड़क पर फैला दुकान का सामान(सभी फोटो एक व्हाट्सएप संचालक के सौजन्य से साभार)
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जसवंतनगर इटावा। नगर में अवैध अतिक्रमण और जाम के हालात नासूर बन गए हैं। प्रातः आठ बजे से ही मुख्य बाजार में हालत यह हो जाती है कि लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। इन दिनों जबकि स्कूल कालेज बंद हो चुके हैं और गर्मी का मौसम अपने पूरे शबाब पर है, 46 डिग्री के आसपास टेंपरेचर छू रहा था। बाजार में लोग जाम में फंसे बेहाल  थे।
       

जाम के हालात से  निजात दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन भी कहीं भी क्या?.. थाने के पास स्थित बड़ा चौराहा तक भी कोई मशक्कत करते नही दिख रहा था।

 पूरा नगर मुश्किल से 7- 8 किलोमीटर लंबी सड़कों पर आवाद है, मगर इन सड़कों पर 400 से लेकर 500 तक विक्रम टेंपो, जिन्हे स्थानीय भाषा में टिर्रियों के रूप में भी पहचाना जाता है। सबसे बड़ा सिर दर्द नगर की यातायात व्यवस्था के लिए  बनी हुई थीं ।इसके अलावा स्थानीय पुलिस की अनदेखी के चलते बड़े चौपहिया वाहन, ट्रैक्टर आदि भी पीक  टाइम  में नगर में खुलेआम जाते आते है।
     

जसवंतनगर कस्बा का मुख्य बाजार हाईवे चौराहा से लेकर लुदपुरा तिराहा तक फैला हुआ है। करीब पौन किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर पूरा बाजार बसा है, जिसमे जाम के हालत सबेरे से ही शुरू हो जाते हैं।

   नदी पुल से लेकर लुदपुरा तिराहा तक और हाईवे चौराहा से बड़ा चौराहा तक सड़क  चौड़ी है। जबकि बड़ा चौराहा से लेकर नदी पुल तक यह सड़क पीडब्ल्यूडी की सड़क मानक सीमा से एक-एक, दो-दो मीटर सकरी है। सड़क का यही हिस्सा नगर का सदर बाजार है, जिसमें दुकानदारों ने अपने फड़  न केवल नालियों के ऊपर तक  बढ़ा लिए हैं,बल्कि उनके आगे भी अपना सामान रखकर खुलेआम अतिक्रमण किए हुए हैं। इसके अलावा दुकानों के फड़ के आगे दुकानदारों की शह पर ठेले खोमचे   वाले भी अलग  डटे रहते हैं। 
   इन सभी वजहों से सदर बाजार में बड़ा चौराहा से लेकर नदी पुल तक दिन भर जाम के हालात रहते है। 
     बाजार में लगने वाले जाम से खुद दुकानदार भी परेशान है ।उनकी दुकानदारी भी प्रभावित है, फिर भी वह अतिक्रमण के राज से मुक्ति नहीं पाना चाहते।
    जब कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है, तो उनके अतिक्रमण हटा दिए जाते हैं, लेकिन दूसरे दिन ही  सड़क के दोनों ओर फिर से कब्जा कर लिया जाता हैं ।
     त्योहारों पर प्रशासन द्वारा  जब भी शांति सौहार्द कमेटी की बैठक की जाती है, तो उसमें बाजार के जाम की चर्चा बढ़ चढ़कर  होती है। बाजार टाइम  में ट्रैक्टर और बस जैसे बड़े वाहनों के न घुसने देने की मांग की जाती है। प्रशासन वायदा भी करता है ,मगर उसे  अमल में कभी नहीं लाया गया।
      इस वजह से प्रशासन द्वारा की जाने वाली शांति बैठकों का कोई महत्व नहीं रहा है। वैसे भी पुलिस और प्रशासन अपने मुंह लगे लोगों को ही इन बैठकों में बुलाता है, जो बाद में प्रशासन के वायदे और उनके अमल न होने  पर कोई टीका- टिप्पणी भी नहीं करते है। 
    वैसे जसवंत नगर के प्रमुख बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति रहती है, परंतु जब स्कूल कॉलेज खुलते हैं, तब छुट्टियों के समय और भी ज्यादा हालत बदतर हो जाती है।                      
       यहां हाईवे चौराहे पर और लुदपुरा तिराहा पर पहले बैरियर लगते थे, जिस वजह से बड़े वाहन बाजार टाइम में  घुस नहीं पाते थे, मगर अब इन बैरियरों को भी खत्म कर दिया गया है।  हाईवे चौराहा, बड़ा चौराहा, नदी पुल एरिया और लुदपुरा तिराहा आदि भीड़भाड़  वाले हिस्सों पर  पुलिस भी नहीं लगाई जाती। इस वजह से जाम के हालात दिन पर दिन भयावह हो रहे हैं।
     भीषण गर्मी के इस मौसम में बाजार में आए खरीददार घंटों जाम से परेशान रहते हैं ।सबसे बड़ी बात तो यह है कि जसवंत नगर के दुकानदार किसी भी कीमत पर अपने अतिक्रमण हटाने को राजी नहीं होते। पुलिस  और नगर पालिका प्रशासन आए दिन अतिक्रमण करने वालों को चेताते, मगर न तो अतिक्रमण ही खत्म होता हैं और न ही जाम के हालात में कोई सुधार आपाता है ।
      स्थिति यह बन गई है बाजारों में खरीद के लिए आने वाले लोग आए दिन घंटों जाम में फंसी रहते हैं ।
*वेद व्रत गुप्ता
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 फोटो :- जसवंत नगर के सदर बाजार में लगे जाम के दो दृश्य

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