नगर पालिका परिषद का गड़बड़झाला, जल्द खुलेगा घोटाला।
नगर पालिका परिषद का गड़बड़झाला, जल्द खुलेगा घोटाला
जसवंतनगर/इटावा। नगर पालिका परिषद जसवंतनगर में जहां अपने कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन देने के लिए फंड की कमी हो और बरसों पूर्व रिटायर हो चुके पालिका कर्मियों का फंड अब तक उन्हें न देकर टहलाया जा रहा हो वहीं अपने सभासदों के नामपट उनके घरों पर लगाने के लिए लगभग 10 लाख रुपए की बड़ी रकम खर्च किए जाने की खबर से नागरिकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। जबकि इन नामपटों की कीमत आधी भी प्रतीत नहीं हो रही है जो लाखों के घोटाले का संकेत भी है।
चर्चाओं के अनुसार नगर में सभासदों के घरों के समीप नगर पालिका परिषद द्वारा उनके नामपट लगाए जा रहे हैं जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग ₹40 हजार बताई जा रही है जो आधी कीमत के भी प्रतीत नहीं हो रहे हैं यानी लाखों का घोटाला भी दिखाई दे रहा है। इस तरह से नगर पालिका के 25 सभासदों तथा नगर पालिका अध्यक्ष के घरों पर नामपट लगाने से लगभग 10 लाख रुपए का खर्चा आएगा। ऐसी नगर पालिका जिसके पास विकास कार्यों के नाम पर धन न होने, कर्मचारीयों का वेतन नियमित रूप से दे पाने के लिए धन न होने, रिटायर्ड कर्मचारी को देने के लिए उनका जमां फंड न होने का रोना रोया जाता हो, नामपटों पर खर्च किए जा रहे लगभग 10 लाख रुपए, जनता की गाढ़ी कमाई से गुलछर्रे उड़ाने वाली कहावत को चरितार्थ किया जाता प्रतीत हो रहा है।
यह नामपट टिन की चादर पर भी लगाये जा सकते हैं जिनकी कीमत बमुश्किल 200 से ₹300 में बनाया जा सकते हैं। नगर पालिका में क्षेत्र में भारी जन समस्याएं हैं जिसमें सबसे बड़ी समस्या नगर में पेयजल सुलभ कराने की है इस मामले में अब तक नगर पालिका परिषद बुरी तरह फेल रही है नगर के हैंड पंप पानी नहीं दे रहे हैं उन्हें ठीक करने के लिए फंड का रोना, सड़क बुरी तरह से छतिग्रस्त हो चुकी हैं उन पर चलने में भी दिक्कत आ रही है लेकिन इसके लिए भी फंड का रोना, नगर में अनेक स्थानों पर रात्रि के समय अंधेरा रहता है वहां स्ट्रीट लाइटों का प्रबंध किए जाने के लिए फंड का रोना रोया जा रहा है, पेयजल आपूर्ति में गंदे पानी की आपूर्ति का मामला भी ठीक नहीं कराया जा रहा है और लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है। इस तरह के अनावश्यक खर्च को लेकर कई सभासद नाराज भी बताए जा रहे हैं।