सामान्य निर्वाचन लोकसभा मैनपुरी के अंतर्गत जसवंत नगर विधानसभा पोलिंग पार्टी में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का निलंबन

कई अधिकारियों का निलंबन कर कार्यालय से संबद्ध किया गया

इटावा
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने बताया कि श्री जितेन्द्र दुबे स०अ० उ०प्रा०वि० अपनेपुर वि०ख० महेवा इटावा को लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के अन्र्तगत लोकसभा मैनपुरी की विधान सभा जसवन्तनगर में जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट इटावा के द्वारा पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके कम में दिनांक 06.05.2024 को पोलिंग पार्टियों की रवानगी होना निश्चित था, जिसमें श्री जितेन्द्र दुबे स०अ० अनुपस्थित रहे तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट, अद्योहस्ताक्षरी एवं अन्य उच्चाधिकारियों के द्वारा उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया गया, परन्तु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया, अतः निर्वाचन जैसे अतिमहत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही करने/ड्यूिटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में श्री जितेन्द्र दुबे स०अ० उ०प्रा०वि० अनेपुर वि०ख० महेवा-इटावा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी, कार्यालय महेवा इटावा में सम्बद्ध किया जाता है।
निलम्बन अवधि में श्री जितेन्द्र दुबे स०अ० उ०प्रा०वि० आनेपुर वि०ख० महेवा-इटावा को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग 2 से 4 के मूल नियम 53 के, प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्धवेतन का देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते पर महंगाई भत्ता आदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय हैं, जो अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी / कर्मचारी के जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलंबन की अवधि में इस शर्त पर देय होगें, जब उसका समाधान हो जाये कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं। उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति में नहीं लगे हैं। प्रकरण की जांच हेतु श्री सर्वेश कुमार सिंह खण्ड शिक्षा अधिकारी-भरथना, इटावा को नामित किया जाता है। जांच अधिकारी अद्योहस्ताक्षरी से अनुमोदित आरोप पत्र जारी करते हुये उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन / अपील) नियमावली 1999 के आलोक में जांच आख्या प्रस्तुत करें।

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