जल दिवस पर हुआ विद्यालय मंे कार्यक्रम -आज के समय में जल संकट एक गंभीर समस्या बन गई- संजीव

इटावा। नमामि गंगे के अंतर्गत विश्व जल दिवस के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग व जिला गंगा सुरक्षा समिति के तत्वाधान में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इंचार्ज प्रभारी वंदना दीक्षित ने बताया कि प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते अतः प्राकृतिक संसाधनों को दूषित न होने दें और पानी को व्यर्थ न गँवाएँ यह प्रण लें कि हम पानी का दुरुपयोग नहीं करेंगे। जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे संजीव चौहान ने बताया कि दुनियाभर में हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस जल के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। आज के समय में जल संकट एक गंभीर समस्या बन गई है। जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अनियंत्रित जल उपयोग के कारण यह संकट बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हम विश्व जल दिवस के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं और जल प्रदूषण को रोकने के उपायों के बारे में बता सकते हैं। उप वनक्षेत्राधिकारी शिवप्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी पृथ्वी पर उपलब्ध पानी का 97.5 प्रतिशत समुद्र में है, जो खारा है, शेष 1.5 प्रतिशत पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुव प्रदेशों में है। एकता गुप्ता एवं आशीष गुप्ता ने दैनिक जीवन में जल संरक्षण करने के लिए पोस्टर एवं कविताओं के माध्यम से उपस्थित बच्चों को संदेश दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे विद्यालय एवं वन विभाग के एकता शुक्ला, रविंद्र मिश्रा, ताबिस अहमद, सुरेश कुमार, धर्मेंद्र व सौरव सिंह का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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