आदित्य सागर महाराज से दीक्षा पाकर ब्रह्मचारी राहुल हुए क्षुल्लक “प्रार्थना सागर महाराज”

*पार्श्वनाथ दिगंबर मंदिर में हुआ आयोजन *गृहस्थ जीवन त्यागा, 11प्रतिमाओं को  किया धारण

फोटो:- जसवंत नगर में आचार्य आदित्य सागर जी महाराज राहुल जैन को क्षुल्लक की दीक्षा देते हुए   उनका नामकरण प्रार्थना सागर के रूप में करते हुए।इनसेट में बिनौली यात्रा में दूल्हे के रूप में राहुल जैन तथा भारी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद जैन महिलाएं
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      जसवंतनगर(इटावा)। गृहस्थ जीवन में राहुल जैन के नाम से जाने जाने वाले ब्रह्मचारी राहुल जैन निवासी फरिहा(फिरोजावाद) सोमवार से बाकायदा 11 प्रतिमाओं को धारण करके और आचार्य आदित्य सागर जी महाराज द्वारा नामकरण के साथ क्षुल्लक प्रार्थना सागर जी महाराज में परिवर्तित हो गए।
 
 उनकी क्षुल्लक दीक्षा का कार्यक्रम पूरे जैन विधि विधानों के साथ यहां पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य आदित्य सागर जी महाराज के सानिध्य और  छात्र छाया में आयोजित किया गया।
   
 प्रार्थना सागर के रूप में वैराग्य जीवन आरंभ करने वाले राहुल भैया कई महीनों  से आचार्य महाराज के संघ में थे।निर्दोष व्रतों का पालन व नियम,,संयम व्रती जैसा जीवन यापन कर रहे थे,।
  आजीवन बह्मचर्य व्रत को आचार्य आदित्य सागर जी महाराज से उन्होंने एक माह पूर्व लिया था। उनके द्वारा निरंतर अनुनय -विनय करने पर रविवार व सोमबार को चले दीक्षा समारोह के अंतर्गत उन्हे क्षुल्लक दीक्षा दी गई।
         
इसके तहत रविवार को “गणधर-विलय” विधान पार्श्वनाथ दिग्म्बर जैन मंदिर में संपन्न कराया गया। देर शाम बिनौली यात्रा निकाली गई।जिसने नगर भृमण किया। ब्रह्मचारी राहुल को आलीशान बग्गी में दूल्हे की तरह साफा लगाए,शेरवानी पहने भ्रमण कराया गया।
        यात्रा के उपरांत हल्दी,मेंहदी की रस्म और गोद भराई कार्यक्रम आयोजित हुआ।महिलाओं और पुरुषों आदि ने  विभिन्न मेवाओं से उनकी गोंद भराई की रस्म अदा की।
   सोमवार को आचार्य श्री द्वारा मंगल स्नान करवाया गया। केश लोचन कराकर दीक्षा के संस्कार दिए गए।
      नव छुल्लक बने प्रार्थना सागर जी को प्रमिला जैन झांसी ने  पिच्छी प्रदान की।  कमंडल दिगम्बर जैन मंडल द्वारा और आरती मंडल द्वारा,वस्त्र भेंट किया गया।जिन शासन मंडल और अंशू जैन निवासी दिल्ली ने पात्र भेट किया।
    आचार्य आदित्य सागर ने उनके 11 प्रतिमाओ को धारण करने पर जैन जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान करते “प्रार्थना सागर”  नामकरण किया।
 बाद में छुल्लक 105 प्रार्थना सागर ने आचार्य श्री के चरणो में नमोस्तु करते हुऐ एक माह के लिए मौन व्रत,और आजीवन किसी प्रिय बस्तु का त्याग भी किया गया।
               इस क्षुल्लक दीक्षा कार्यक्रम  के अवसर पर बड़ी संख्या में करहल, आगरा,झांसी ,दिल्ली,फिरोजाबाद आदि से सैकड़ों से जैनानुयाई उपस्थित रहे।  उन सभी का तिलक वंदन कर जैन समाज जसवंतनगर द्वारा स्वागत किया गया। सकल दिगम्बर जैन समाज ,लुधपुरा समाज के लोगो ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
          दो दिवसीय दीक्षा के इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए संस्कार जैन आगरा द्वारा भजनों की भव्य प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार चांद लग गए।,सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन बाल ब्रह्मचारी प्रांजल  द्वारा किया गया।
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*वेदव्रत गुप्ता

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