महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव मंदिरों में रही भक्तों की भारी भीड़

   *कांवरियों ने पैदल यात्रा कर लाया गया            जल शिव लिंग पर चढ़ाया    *जगह-जगह ठंडाई का वितरण और कीर्तनों का आयोजन

 फोटो:-जसवंत नगर के विभिन्न शिवमंदिरों पर पूजा अर्चना के दृश्य
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जसवंतनगर (इटावा)। शिव भक्तों ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व पूरी आस्था और धार्मिक रीति रिवाजों के साथ मनाया ।
       इस पर्व के मौके पर शिव भक्तों ने व्रत और उपवास  रखें तथा कांवरियों  द्वारा मीलों  पैदल यात्रा कर लाए गए पवित्र जल को अपने-अपने इष्ट देव शिव मंदिरों में चढ़ाया।
     महाशिवरात्रि पर्व को लेकर गुरुवार शाम से ही बम- बम भोले, हर- हर महादेव के नारे गूंजने लगे थे।
 नगर के डेढ़ दर्जन से ज्यादा शिव मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना तथा बेलपत्र चढ़ाने वालों की  लाइन लगनी शुरू हो गई थी। इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी।
     महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन के महीने  के प्रथम पक्ष में त्रियोद्सी के दिन मनाया जाता है। बताते हैं कि इसी दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।
      महाशिवरात्रि को लेकर मंदिरों में कई दिनों से तैयारी चल रही थी। नगर के दो दर्जन से ज्यादा मंदिरों में लोग बेलपत्र, धतूरा , बेलुवा, बेर, गन्ना , मिष्ठान आदि चढ़ाने तथा पूजा अर्चना करने बड़े ही श्रद्धा भाव से पहुंचे।  शिव भक्त महाशिवरात्रि को लेकर उपवास भी करते हैं। अन्न का ग्रहण करने की बजाय फल, मेवा, मिष्ठान  तथा सिंघाड़े  के व्यंजन बनाकर उनसे अपना व्रत तोड़ते हैं।
      जसवंत नगर कस्बा के प्रमुख शिव मंदिरों में तालाब शिव मंदिर, रामेश्वरम मंदिर ,केवल की बगिया वाला शिव मंदिर , ऐतिहासिक बिलैया मठ, गुलाब बाड़ी शिवालय और शाला शिव मंदिर है।
     इसके अलावा यहां रेलवे फाटक के पास स्थित शिव मंदिर भी काफी प्राचीन माना जाता है। इन शिव मंदिरों में सर्वाधिक भीड़ रामलीला मैदान तिराहा पर स्थित रामेश्वर मंदिर पर देखी गई। यह शिव मंदिर नगर का प्राचीनतम शिव मंदिरों में एक है। इसकी मान्यता इसलिए और ज्यादा बड़ी चढ़ी  है, क्योंकि यहां के रामलीला महोत्सव में रावण  वध के बाद भगवान राम, लक्ष्मण और सीता इसी शिव मंदिर में हर वर्ष दर्शनों को आते हैं।
      नगर के अन्य शिव मंदिरों में भी खूब भीड़ रही। लोगों ने भोला भंडारी को  बेलपत्र अर्पित किए । हालांकि इस वर्ष बेल पत्रों का अभाव देखा गया, क्योंकि  ज्यादा सर्दी पड़ने से बेल के पौधों पर बेलपत्र कम ही मिले, इसलिए लोगों ने धतूरा, बेलुवा, रोली चावल व पुष्प  चढ़ाकर कर भगवान भोला भंडारी की आराधना।
      नगर के पड़ाव स्थित शिव मंदिर, थाने के शिव मंदिर, कोठी कैस्थ  स्थित नागेश्वर मंदिर कटरा गुप्ता स्थित चूड़ा मन मंदिर में भी श्रद्धालु जन शिव आराधना को पहुंचे।
      अनेक स्थानों पर महाशिवरात्रि पर्व को लेकर ठंडाई का वितरण भी किया गया और लोगों ने भांग युक्त ठंडाई पीकर भोलेनाथ की आराधना की। अनेक स्थानों पर भगवान शिव  के कीर्तन भी आयोजित किए गए ।विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में कांवर में जल लाने वाले लोगों का हर हर महादेव के साथ अगवानी की गई।
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 *वेदव्रत गुप्ता

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