जश्ने गौसे आजम पर महफिल का आायोजन
इटावा। जश्ने गौसे आजम पर महफिल का आायोजन किया गया। महफिल मंे शायरों ने खूबसूरत कलाम पेश कर मेहफ़िल में ख़ूब वाह वाही लूटी। महफिल का आयोजन अहमद अली वारसी की ओर से उनके उझैदी स्थित आवास पर किया गया।
हाफिज़ कैफ ने नात पाक पेश कर नातिया मुशायरे की शुरुआत की। उन्हांेने पढ़ा कुछ इस तरह पढ़ा नबी के इश्क में जिसने जान देदी है, उसी को हक में रब ने अमान देदी है। कोई भी रोक न पायेगा उसको जन्नत से, रसूले पाक ने जिसको ज़बान देदी है। निजामत कर रहे शायर रौनक इटावी ने कहा बुलंदी पर नसीबा हो गया, करम प्यारे नबी का हो गया। नवाज़ा इस कदर कि उनके करम ने, जो कतरा था वो दरिया हो गया। नदीम अहमद एड. ने कहा नबी के नाम का दिल में चिराग जलता है, मेरी बला से अगर आफताब जलता है आदि शानदार कलाम पेश कर शायरों ने ख़ूब वाह वाही लूटी। सूफी अब्दुल सत्तार ने कहा जिस को खुदा ने दी हो दो आलम की सलतनत जिस की रसूल ए पाक करें कदरो मनजलत। हादी हसन हादी ने कहा या अली या अली या अली नाम इन का तुम रखो अली। इस मौके पर हाजी अजीम वारसी, हाफिज कारी शहवाज अनवर, हाफिज हारून, दिलशाद पहलवान, शाहिद हुसैन, शकील वारसी, औसाफ, शारिक, शहवाज, अली हसन, हैदर अली मौजूद रहे।