भीषण सर्दी और कोहरे ने जसवंतनगर इलाके में टेंप्रेचर 5 डिग्री से नीचे लुढ़काया
*लोग अलाव तलाशते रहे, यमुना किनारे हालत और खराब * प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
EditorJanuary 13, 2024
फोटो:- छाए जबरदस्त कोहरे के कारण शुक्रवार सुबह नेशनल हाइवे पर दृश्यता 20 मीटर भी नहीं थी, वाहन रेंग रहे थे
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जसवंतनगर (इटावा)। भीषण सर्दी और जबरदस्त कोहरे ने आम जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोग रजाइयों-कंबलों में दुबकने को मजबूर है। अलावों के सामने भी तापकर समय काट रहे हैं।
वैसे तो आठ दिनों से सर्दी के तेवर दिन पर दिन तीखे हो रहे हैं, मगर 8 जनवरी को हुई रिमझिम बरसात ने कोहरे के हालात बढ़ा दिए हैं। आमतौर पर सर्दियों में दर्ज किया जाने 8 और 10 डिग्री का टेंप्रेचर इधर तीन दिनों से 6 और 7 डिग्री को छू रहा था, मगर शुक्रवार को इटावा जिले में यह 5 डिग्री तक उतर गया। जसवंतनगर में तो शुक्रवार तड़के 5:00 बजे टेंपरेचर चार और पांच डिग्री के बीच झूल रहा था। पछुआ हवा चलने से लोगों को सर्दी का प्रभाव ज्यादा प्रभावित कर रहा था, क्योंकि पछुआ हवा में पहाड़ों से आ रही हवा बदन को चुभा रही थी।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि दिन में पछुआ हवा चलती है और रात में यह थम जाती है, जिससे कोहरा झप्प हो छा जाता है।
यमुना किनारे के जसवंत नगर क्षेत्र के गांवों बलरई, तिजोरा,नगला तोर, नगला सलहदी, बाउथ आदि में सवेरे 7:00 बजे 4 डिग्री टेंपरेचर था ।इससे यह अनुमान लगाया गया है कि रात में बीहड़ इलाकों में मौसम का तापमान 3 और 4 डिग्री के आसपास रहा होगा।
ग्रामीणों ने बताया है कि सर्दी की तीव्रता के कारण आम आदमी तो परेशान है ही, पशुओं खासकर दुधारू पशुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पालने वाले उन्हें बोरो और त्रिपालों से ढक रहे है, फिर भी उनका हाल बेहाल है।
गांवों में लकड़ी की उपलब्धता होने के कारण ग्रामीण अलाव के सहारे सर्दी से मुकाबला कर रहे हैं ,लेकिन जसवंतनगर कस्बे में नगर पालिका और तहसील प्रशासन द्वारा नाम मात्र को और एक या दो दिन अलाव सुलगवाने से लोग अलावों के लिए तड़प रहे हैं। गुरुवार शाम और शुक्रवार सुबह यहां के बस स्टैंड, हाईवे चौराहा और रेलवे स्टेशन के पास प्रशासन का कोई भी अलाव सुलगता नहीं पाया गया।
बताते हैं कि तहसील प्रशासन ने लेखपालों और पंचायत सेक्रेट्रियों को अलाव लगवाने के आदेश दिए थे,मगर उनकी केवल खाना पूर्ति कर दी गई। इसी तरह सड़क किनारे और अन्य स्थानों पर आवासित गरीबों में प्रशासन ने जा जा जाकर स्वयं कहीं कंबलों का वितरण नहीं किया, बल्कि कंबल वितरण का काम तहसील में लिस्ट बनाकर कर दिया गया। जिससे सिफारिशमंद लोग कंबलों का लाभ उठा ले गए।
कोहरे और भीषण गलन के चलते रोडवेज की बसें भी खाली दौड़ती देखी गईं। दोपहर 1 बजे के लगभग सूर्य देवता जब कोहरे को चीर पाए, तब धूप के दर्शन हुए और लोगों को सर्दी से राहत मिली, मगर शाम होते होते सर्दी के हालात जस के तस हो गए।
प्रशासन ने चेताया, दी सलाह
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सर्दी व कोहरा के दृष्टिगत शीतलहर एवं सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।
अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों भीषण सर्दी है, ऐसे में आवश्यक है कि सर्दी से बचा जाये तथा सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया जाये। कोहरे या धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाएं न होने पायें। उन्होंनेे कहा लगातार तापमान गिरावट की वजह से सर्दी जुकाम, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़ों में संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थमा, एलर्जी होने की आशंका है। प्रभावी शीत लहर से बचने के लिए गर्म कपडे जैसे रजाई, कंबल, स्वेटर, गर्म कपड़ों का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसे में सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। वाहन चालक गाड़ी के फॉग लैम्प सही रखें। यदि कार में फॉग लैम्प नहीं हैं तो उसे जरूर फिक्स करवा लें। सर्दी के मौसम में जब धुंध होती है तब फॉग लैम्प बेहद कामगर साबित होते हैं। वाहन में लगे वाइपर को जरूर चेक करें। वाइपर की रबड़ थोड़ी सी भी खराब हो रही है, तो उसे भी बदलवा लें। सर्दी के मौसम में जब फॉग होता है या फिर ओस गिरती है, तब वाइपर विंडशील्ड को साफ करने का काम करते हैं।
आपदा विशेषज्ञ अवनीश दुबे ने बताया कि शीतलहर चलने के दौरान अगर हो सके तो घर से बाहर न निकले, अगर निकलना आवश्यक है तो अपने आप को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढक लें, बच्चों और बुजुर्गों का भी सर्दी में विशेष ध्यान रखें ।इन दिनों में तरल पदार्थ का सेवन करें, गुनगुने पानी का सेवन करें, ठंडा पानी को पीने से बचें सर्दी के मौसम में डिफॉगर का इस्तेमाल भी अत्यधिक कारगर सिद्ध होता है। सर्दी के मौसम में यदि बाहर धुंध ज्यादा है और आपकी कार में डिफॉगर दिया है, तब उसका इस्तेमाल करना चाहिए। कई बार रियर ग्लास पर मॉइश्चर आ जाता है, ऐसे में डिफॉगर की मदद से उसे जल्दी साफ कर सकते हैं। डिफॉगर ग्लास पर हीट जनरेट करता है जिससे मॉइश्चर खत्म हो जाता है। सुरक्षा के दृष्टिगत टायरों में प्रेशर ओवर नहीं होना चाहिए। सर्दी के मौसम में टायर का प्रेशर का सही रहना काफी जरूरी हो जाता है। खासकर हवा ज्यादा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ठंड में ज्यादा नमी की वजह से सड़कें पूरी तरह सूखी नहीं होती। ऐसे में गाड़ी की स्पीड ज्यादा है और अचानक से ब्रेक लगाने पड़े तब कार के स्किड होने का खतरा रहता है। सर्दी में टायरों की रबर थोड़ी सिकुड़ जाती है। भाप हटाने के लिए हीटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सर्दी के मौसम में लो वेलोसिटी ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आपके एरिया में सर्दी ज्यादा है तब आपको लो विस्कोसिटी इंजन ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। सर्दी के मौसम में वाहनों में रेडियम रेफलेक्टर/स्टीकर जरूर लगवाएं ।जिससे आपकी गाड़ी के आगे या पीछे से आने वाले वाहनों को दूर से ही आपकी गाड़ी दिख जाय और दुर्घटना से बचा जा सके।
।दो पहिया वाहन चालकों को भी सर्दी के दौरान सुरक्षा उपायों जैसे हेल्मेट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में ऊनी व गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
आपदा विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि सर्दी के मौसम में घरों में बंद कमरो में अंगीठी जलाकर कभी भी आग न सेकी जाए और न ही सोया जाए क्योंकि आग जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है, उन्होंने कहा कि दमा और सांस की बीमारी के मरीज बहुती ज्यादा ठंड होने पर घर से बाहर जाने से गुरेज करें व खुराक में भी गर्म चीजें जैसे सूप, चाय, काफी, संतुलित खुराक का सेवन किया जाए।
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फोटो:- छाए जबरदस्त कोहरे के कारण शुक्रवार सुबह नेशनल हाइवे पर दृश्यता 20 मीटर भी नहीं थी, वाहन रेंग रहे थे
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EditorJanuary 13, 2024