श्रीमद् भागवत कथा साक्षात कल्पव्रक्ष-आचार्य बृह्म

 

इटावा। श्रीमद् भागवत कथा साक्षात कल्पव्रक्ष है यह शब्द रूप में स्वयं लीला पुरूसोत्तम भगवान श्री कृष्ण है इसके श्रवण मात्र से मनुष्य का कल्याण हो जाता है। यह बात राष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता डॉ.ब्रह्म कुमार मिश्र ने मां दुर्गाक्षी मन्दिर हरिवंश विहार कालोनी पक्का बाग में चल रही श्री मद् भागवत कथा एवं विष्णु महायज्ञ मे कही। उन्होने कहा कि जिस प्रकार सूर्य सम्पूर्ण स्रष्टि में अन्धकार समाप्त कर अपने प्रकाश से प्रकाशित करता है ठीक उसी प्रकार श्रीमद् भागवत कथा से अग्यान रूपी अन्धकार समाप्त होकर ग्यान रूपी प्रकाश जाग्रत होता है। अतः जब तक प्रभु की क्रपा नही होगी तबतक सत्संग का लाभ प्राप्त नहीं होता है। श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण का बाग्मय स्वरूप हैं। इसके श्रवण मात्र से मनुष्य का कल्याण हो जाता है। सुदामा और द्वारिकाधीश का मिलन एक सच्चे मित्र का मिलन है। कथा में राधा कृष्ण की झांकी व फूलों की होली का आनन्द लेते हुए सभी श्रद्वालु भाव विभोर होकर नाचने लगते हैं। आचार्य मारुति नंदन दास द्वारा कराया जा रहा विष्णु महायज्ञ का दर्शन कर जीवन का अलभ्य लाभ प्राप्त करें। सदस्य प्रदेश कार्य समिति भाजपा डॉ. रमाकांत शर्मा, पूर्व प्रोफेसर कल्पना वशित व कथाप्रवक्ता आचार्य साकेत बिहारी दीक्षित, परशुराम समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील सम्राट, प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेंद्र देव दुबे ने भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट कर आचार्य मिश्रा व्यास पीठ का सम्मान किया। इस दौरान हरिकांत मिश्रा, डॉ. मयंक चतुर्वेदी, विकास शास्त्री, प्रांतीय शिक्षक नेता भानुप्रकाश अवस्थी, मारुति नंदनदास, राघवेंद्र दुबे, अवनीश अवस्थी, विपिन दुबे सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहे।

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