योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खाने बंद करने के एलान के साथ गोवंश के वध पर सख़्त क़ानून जारी किया. बिना ज़्यादा दिमाग लगाए सरकारी मशीनरी ने गोवंश को लाने ले जाने वाले ट्रकों के पहिए जाम कर दिए. गोरक्षा के नाम पर दंगाई तत्वों ने जमकर तांडव भी मचाया. दहशत का माहौल बन गया. गाय-बछड़ों को ले जाने वाले किसानों की जगह-जगह बिना सोचे समझे पिटाई होने लगी. नतीजा ये हुआ कि गोवंश को हाथ लगाने में लोग डरने लगे बड़े बड़े पशु मेले बन्द हो गये , छोटे बछड़े खरीद कर उन्हे पालने एव बड़ा कर हल और बैलगाड़ी के लिये बेच दैने का किसानों का व्यापार बन्द हो गया। ऐसे में ये गोवंश खेतों में घुस गया, लहलहाती फसलों को खाने लगा, सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनने लगा जब स्थति भयावह होने लगी असर चुनाव पर पड़ता देख सरकार जागी तो जरूर है पर गौशालाओं में इन को ले जाकर भूखों मार देनें के अलावा सरकार के पास और कोई योजना नही लगती। अगर बूचड़ खानों में पृतिबन्धित पशु कटते भी थे तो वे बिना सरकारी मशीनरी के सहयोग के बिना तो नही कटते थे। और जो तथाकथित वैध बूचड़खानें हैं वहां आज भी कटते हैं ऐसे ही देश बीफ के निर्यात में नंवर एक थोड़े ही है।
योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खाने बंद करने के एलान के साथ गोवंश के वध पर सख़्त क़ानून जारी किया. बिना ज़्यादा दिमाग लगाए सरकारी मशीनरी ने गोवंश को लाने ले जाने वाले ट्रकों के पहिए जाम कर दिए. गोरक्षा के नाम पर दंगाई तत्वों ने जमकर तांडव भी मचाया. दहशत का माहौल बन गया. गाय-बछड़ों को ले जाने वाले किसानों की जगह-जगह बिना सोचे समझे पिटाई होने लगी. नतीजा ये हुआ कि गोवंश को हाथ लगाने में लोग डरने लगे बड़े बड़े पशु मेले बन्द हो गये , छोटे बछड़े खरीद कर उन्हे पालने एव बड़ा कर हल और बैलगाड़ी के लिये बेच दैने का किसानों का व्यापार बन्द हो गया। ऐसे में ये गोवंश खेतों में घुस गया, लहलहाती फसलों को खाने लगा, सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनने लगा जब स्थति भयावह होने लगी असर चुनाव पर पड़ता देख सरकार जागी तो जरूर है पर गौशालाओं में इन को ले जाकर भूखों मार देनें के अलावा सरकार के पास और कोई योजना नही लगती। अगर बूचड़ खानों में पृतिबन्धित पशु कटते भी थे तो वे बिना सरकारी मशीनरी के सहयोग के बिना तो नही कटते थे। और जो तथाकथित वैध बूचड़खानें हैं वहां आज भी कटते हैं ऐसे ही देश बीफ के निर्यात में नंवर एक थोड़े ही है।