व्यापारियांे ने वित्तमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा फोटो-03
इटावा। जीएसटी विभाग द्वारा व्यापारियों के विरुद्ध मिसमैच के आधार पर भारी ब्याज व पेनल्टी लगाई जा रही है व्यापारियों पर लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं, इसके विरोध में व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित के नेतृत्व में तीन सूत्रीय ज्ञापन केन्द्रीय वित्त मंत्री को संबोधित जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी का नया कानून 2017-18 की मध्य से लागू किया गया था। जब भी इस कानून व ऑनलाइन पोर्टल पर सुधार व संशोधन की प्रक्रिया आज तक चालू है।
जी.एस.टी.आर. 2ए व जी.एस.टी.आर.-2बी पोर्टल पर चालू नहीं था। सिर्फ 3बी रिटर्न फाइल हो सकती थी, जिस वजह से व्यापारी खरीद के बिल पोर्टल पर चेक नहीं कर सकता था। खरीद के वास्तविक बिलों के आधार पर 3बी फाइल कर आई.टी.सी. क्लेम की जाती थी। इस कारण आई.टी.सी. मिसमेच हो रही थी। अधिकांश मामलों में मामूली टैक्स का अन्तर होने पर भी धारा-73 में कम से कम रू. 10,000 एस.जी.एस.टी. व रू0 10,000 सी.जी.एस.टी. की पैनल्टी 100-200 रूपये का अन्तर होने पर भी लगायी जा रही है तथा 18 प्रतिशत ब्याज की मांग भी नोटिस में भेजी जा रही है, जिसमें व्यापारी की कोई गलती या कभी आई.टी.सी. मिसमेच होने में नहीं है। ज्ञापन देनें वालों मे अखिलेश वर्मा, रिषी पोरवाल, कामिल कुरैशी, हाजी शंहशाह वारसी, अनूप प्रजापति, हाजी शेख आफताब, भारतेंद्रनाथ भारद्वाज, मुस्तकीम राइन, अर्चना कुशवाहा, देव गुप्ता, जैनुल आबदीन, आशीष गुप्ता, सै. लकी, सिकंदर वारसी, कफील खां, विपिन यादव, राजीव कुशवाहा, आरिफ अहमद लाला, साकिर, बल्लू मंसूरी, धर्मेंद्र यादव, शानू मौजूद रहे।