पीडियाट्रिक(बाल्य) सर्जरी भी व्यस्क सर्जरी की तरह  पूर्णरूपेण सुरक्षित: प्रभात कुमार

*मनाया गया राष्ट्रीय बाल्य सर्जरी दिवस

फोटो:- बाल शल्य चिकित्सा दिवस पर विजेता को पुरस्कृत करते कुलपति प्रभात कुमार
सैफई/जसवंतनगर(इटावा), 03 जनवरी। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस) के बाल शल्य विभाग (पीडियाट्रिक सर्जरी) द्वारा इण्डियन एसोशिएशन आफ पीडियाट्रिक सर्जन के 58वें स्थापना दिवस को बाल्य शल्य दिवस के रूप में मनाया गया। 
    कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डा) प्रभात कुमार द्वारा किया गया।  एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें चिकित्सक संवर्ग में डाॅ गिरिजा शंकर एवं नर्सिंग संवर्ग में अर्जुन बाल्मीकी प्रथम स्थान पर रहे।
     प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति प्रो0 डा0 प्रभात कुमार सिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि विगत् कुछ दशकों में पीडियाट्रिक सर्जरी में व्यापक प्रगति हुई है। यह सर्जरी भी व्यस्क सर्जरी की तरह ही पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कई प्रकार की समस्या होती है। पीडियाट्रिक सर्जरी के माध्यम से उनका इलाज किया जाता है।
विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक सर्जरी डा0 उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इस सर्जरी से नवजात शिशुओं, बच्चों से लेकर किशोरों का इलाज किया जाता है। बच्चों में जन्मजात समस्यायें बहुत आम हैं। यदि समय पर निदान और उपचार न किया जाये तो बच्चों के जान का भी जोखिम हो सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित सर्जिकल विकल्पों के बारे में जागरूक करने के लिए ही बाल्य शल्य दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम में प्रतिकुलपति डा रमाकान्त यादव, कार्यवाहक संकायाध्यक्ष डा एचके सिंह, कुलसचिव चन्द्रवीर सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा एसपी सिंह, विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक सर्जरी डा उमेश कुमार गुप्ता, डा सर्वेश कुूमार गुप्ता तथा विभाग के अन्य फैकेल्टी मेम्बर, चिकित्सा अधिकारी, सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स  भी मौजूद रहे।
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*वेदव्रत गुप्ता
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