नववर्ष की पूर्व संध्या पर की गई संगोष्ठी

 

इटावा। स्थानीय मोहल्ला कटरा सेवा कली में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें निर्णय लिया गया कि भाईचारा बनाए रखने के लिए वर्ष 1924 में निरंतर गांव गली की ओर खेत खलिहानों तक इंसानी भाईचारा कायम रखने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, और भविष्य में इन्हें अधिक गति प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर कौमी तहफ्फुज़ तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने कहा कि बिना प्रेम, सद्भाव के जानवरों के गिरोह तो जिंदा रह सकते हैं लेकिन इंसान एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता भारत में जो घृणा और नफरत का वातावरण पैदा किया जा रहा है उसके प्रत्युत्तर में  प्रेम, सद्भाव की मुहिम चलाना अति आवश्यक हो गया है। प्रोफेसर डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा की इंसानी भाईचारा समाज की बहुत बड़ी आवश्यकता है, हमें विश्व बंधुत्व के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जिसमें समस्त विश्व एक परिवार की तरह रहता है, हमें भी अपने धर्म जाति एवं आपसी द्वेष को भुलाकर आपस में इंसानी भाईचारा को कायम रखना है। इंसानी भाईचारा के अध्यक्ष मोहम्मद आमीन ने कहा कि हमारा कोई शत्रु नहीं है बल्कि हम स्वयं अपने शत्रु हैं जो सामाजिक कुरीतियों को अपना कर मानवता के शत्रुओं को बल प्रदान करते हैं। कार्यक्रम में खालिद अंसारी मुन्ना, शेखर यादव, इफ्तिखार मिर्जा, नरेश सिंह धनगर, मसूद तैमूरी, शाहनवाज आलम, खुर्शीद आलम, सारिब बारिशी, इदरीश फारूकी, बन्ने मियां राइन, एडवोकेट फैजान अली, जावेद खान, शमशाद, इमरान खान, अब्दुल रज्जाक उपस्थित रहे।

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