प्रदर्शनी पंडाल में हुआ अखिल भारतीय मुशायरा -अभी न आएगी नींद तुमको अभी न हमको सुकून मिलेगा -सिर जाए वतन पे कोई गम नहीं है
इटावा। अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी के खूबसूरत पंडाल में किया गया, जिसमे देश के कोने कोने से आये नामचीन शायरों ने बेतरीन गजलो के साथ शायरी के ऐसे जौहर दिखाए कि पंडाल में ेउपस्थित श्रोता देर रात तक मुशायरे का आनंद लेते रहे। मुशायरे की अध्यक्षता देश के विख्यात शायर नवाज़ देवबन्दी ने की।
अखिल भारतीय मुशायरे का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने मंच पर शमा रोशन करके किया। एसएसपी संजय कुमार पत्नी सहित मंचासीन रहे और फ़रमाइशी गजलों का लुत्फ उठाया। मुशायरे के संयोजक सईद नक़वी, सहसंयोजक गुफरान अहमद प्रधानाचार्य इस्लामिया कालेज ने मुख्य अतिथि डीआईओएस, एसएसपी और उनकी पत्नी के अलावा शायरों का बैज लगाकर स्वागत किया। मुशायरे का शुभारंभ नामचीन शायर ताहिर फ़राज़ ने इस नातिया कलाम से किया जिनके दिल को मोहब्बत हुई आपसे, आन की आन में क्या से क्या हो गए। आमिर इटावी ने बेदम शाह वारसी का कलाम पेश किया सितमगर तुझसे उम्मीदे करम होगी जिन्हें होगी, हमको देखना ये था कि तू जालिम कहां तक है। निसार सीमावी के कलाम पेश करते हुए इमरान अंसारी इटावी ने कहा आसमा ने शबनम को ये पयाम भेजा है, आंसुओं की कीमत आंख में न आने तक। मुशायरे का शानदार संचालन करते हुए शायर हिलाल बदायूनी ने कहा ये जान वतन की है मेरी जान नहीं है, सिर जाए वतन पे कोई गम नहीं है। एसएसपी और उनकी पत्नी की फरमाइश पर शायरा शबीना अदीब ने बेहतरीन गजल पेश करते हुए कहा अभी न आएगी नींद तुमको अभी न हमको सुकून मिलेगा, खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उलफत नई नई है। शायर अल्तमश अब्बास रूड़की ने कहा इश्क में इंसान बहुत पुरजोश रहता है, फिर उसके बाद सारी जिंदगी खामोश रहता है। बलिया से आये नामचीन शायर डा. नायाब बल्यावी ने कहा जब कभी ठंड पहाड़ों से उतर आती है, ये हकीकत है गरीबों के घर जाती है। शायरा मुमताज नसीम ने मोहब्बत पर ये कलाम पेश किया जिंदगी भर रुलाया मुझे आपने और आंखों में पानी नहीं चाहिए, गैर की मेहरबानी गवारा मुझे आपकी मेहरबानी नहीं चाहिए। शायर असद नसीराबादी ने कहा हम जैसे जवानों को नहीं लगती है सर्दी, नजदीक हमारे कभी जाड़ा नहीं आता। शायर विजय तिवारी भोपाली ने कहा खेल खिलौना ले जा बाबू मुन्ना दिल बहलाएगा, तेरा मुन्ना खेलेगा मेरा मुन्ना खायेगा। इसके अलावा शायर मंजर भोपाली, जौहर कानपुरी, अना देहलवी, मासूम गाज़ियाबादी, जीरो बान्दवी, मुनव्वर जाफ़री पपलू ने भी कलाम पेश किए। मुशायरा स्वागत कमेटी की ओर से शायर रौनक इटावी, नदीम अहमद एड., शावेज़ नक़वी, दानिश मिर्जा, इफ्तिखार मिर्जा, डा. शमसुद्दीन शम्स, तनवीर अंसारी, आरिफ सिद्दीकी नूर, वहाज अली खान निहाल ने मंचासीन शायरों का स्वागत किया। सह जिलाविद्यालय निरीक्षक मुकेश यादव, प्रधानाचार्य संजय शर्मा, उमेश यादव, डा. कुश चतुर्वेदी, राजदा खातून राज, मो. इकबाल लखनऊ, कोकव नक़वी, कामरान खान सहित प्रदर्शनी समिति के लोगों ने मुशायरे में उपस्थित होकर बेहतरीन शायरी का आनन्द लिया।