“भैया दूज”दो दिन की पड़ने से जमकर बिकीं मिठाइयां, दिवाली की बिक्री से दुकानदार खुश

बेचारे कुम्हारों की बनी दिवालियां कम बिकीं 

 फोटो:- जसवंत नगर में मिठाई की एक दुकान के खाली काउंटर तथा भैया दूज के लिए गरी के गोले बिकते हुए
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जसवंतनगर (इटावा)। इस बार का दीपावली त्यौहार दुकानदारों के लिए काफी फायदेमंद रहा है। 2020 के बाद पहली  बार बाजारों में हुई जमकर खरीद फरोख्त से दुकानदार काफी खुश हैं। दीपावली पर्व पर पड़ने वाला ‘भैया  दूज’ का पर्व भी दुकानदारों खासतौर से मिष्ठान विक्रेताओं के लिए बहुत ही फायदेमंद रहा है। इस पर्व पर मिठाइयों की इतनी जोरदार बिक्री हुई है कि ज्यादातर दुकानों पर मिठाइयों की कमी पड़ गई।
       दूध की कमी के चलते इस बार दीपावली के पहले से ही मावा यानि खोया का भाव बढ़ा चढ़ा चल रहा था । 270 से 280 रुपए किलो का भाव दीपावली के एक हफ्ते पहले से हो गया था। दीपावली के दिन मिष्ठान विक्रेताओं के यहां मिठाइयों की बिक्री बंपर होने की वजह से खोया का भाव और बढ़ गया । मंगलवार और बुधवार को मिष्ठान विक्रेताओं की खोया की जबरदस्त मांग के कारण यह साढ़े तीन सौ रुपए प्रति किलो के भाव तक पंहुच गया । दरअसल में खोया की मिठाइयां जल्द बन जाती हैं, इसलिए जब दीपावली पर मिष्ठान विक्रेताओं की मिठाइयां सारी की सारी बिक गई ,तो उन्होंने भैया दूज पर्व की बिक्री के लिए खोया की मिठाईयां बनाना ज्यादा मुफीद समझा।
    इस बार पंडितों और पंचांग के कारण भैया दूज का पर्व 2 दिन का हो गया। कहीं कहीं मंगलवार को भैया दूज का पर्व मनाया गया, जबकि अन्य जगहों पर बुधवार को यह पर्व था। इस वजह से मिष्ठान विक्रेताओं के यहां 2  दिनों तक मिठाइयों की बिक्री हुई। इस वजह और बंपर बिक्री के चलते  दुकानों पर मिठाइयों की कमी पड़ गई।
    जसवंत नगर में करीब आधा दर्जन प्रमुख मिष्ठान विक्रेता है। उनके यहां बुधवार को दोपहर बाद हालत यह थी कि बहुत ही कम मात्रा में उनके काउंटर्स पर मिठाइयां बची हुई थी। वह लोगों की मांग के अनुसार  मिठाइयों की वैरायटी नहीं मिल रही थी।
     जसवंतनगर के नदी पुल रोड पर स्थित जैन स्वीट हाउस और महावीर स्वीट हाउस के विक्रेताओं क्रमशः  प्रवीण पिंटू जैन और निक्का जैन की दुकानों के मिष्ठान काउंटर्स पर बिकने वाली रिफाइंड और डालडा से बनी मिठाइयां बालूशाही, इमरती,गुझिया , सोनपपड़ी बूंदी के लड्डू सारे के सारे बिक गए थे। केवल उनकी दुकानों पर ताजा बनकर आ रही खोया की मिठाइयां ही उपलब्ध थी। यही हालत नगर के प्रमुख मिष्ठान विक्रेता कमलेश यादव के यहां भी थी। नगर के प्रमुख देसी घी की मिठाइयां बेचने वाले ब्रज मिष्ठान पर थी, ,जहां उपरोक्त मिठाइयां तथा काजू की बर्फी समाप्त हो गई थी। 
      इस बार दिवाली पर किराना विक्रेताओं के यहां भी जमकर बिक्री हुई। वह काफी खुश दिखे। उनकी दुकानें सुबह से लेकर देर रात तक ग्राहकों से भरी रहीं। भैया दूज को लेकर गरी के गोले भी भारी मात्रा में बेचे गये। शक्कर के खिलौने, गट्टा बतासा आदि बेचने वालों की भी जमकर बिक्री बस इस बार हुई। कुम्हारों के हाथों की बनी दिवालियों की कम बिक्री हुई, जबकि रेडीमेड दीपों को लोगों ने खूब खरीदा। इसी तरह दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की भी खूब बिक्री हुई ।यहां तक कि मामबत्तियां भी बाजार में शार्ट हो गई। पटाखा विक्रेता भी इस बार  की बिक्री से खुश थे।
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 फोटो:- जसवंत नगर में मिठाई की एक दुकान के खाली काउंटर तथा भैया दूज के लिए गरी के गोले बिकते हुए
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