दीपावली त्यौहार आने में 4-5 दिन शेष, जसवन्तनगर में जाम के हालत लगे बिगड़ने

   *सोमवार को कई घंटे लगा रहा जाम    *दुकानदारों की दुकान पटरियों पर फैली 

 

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    जसवंतनगर (इटावा)। दीपावली त्यौहार के 5 दिन पूर्व ही जसवंत नगर के बाजारों में जबरदस्त जाम लगना शुरू हो गया है। सोमवार को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सड़कें जाम की शिकार थी।

    सदर बाजार की तो यह हालत थी कि लोग पैदल भी सड़क को पार नहीं कर पा  रहे थे। बड़ा चौराहा से लेकर नदी पुल तक,जो जाम लगा था, उसमें दोनों तरफ ट्रैक्टर और बसों की संख्या मुश्किल से 3 – 4 होगी, मगर ऑटो और स्कूली वैनों ने जाम लगाकर  आवगमन ठप कर दिया था।

     त्योहार पर बिक्री होने के मद्देनजर दुकानदारों ने भी अपने फड़ आगे  बढ़ाकर तथा दुकानों का सामान सड़क की पटरी तक फैलाकर  जाम की स्थिति में आग में घी डालने जैसा काम किया हुआ था।
बड़ा चौराहा पर ड्यूटी पर रहने वाले पुलिस का पिकेट भी गायब था। इस कारण बड़ा चौराहे से चारों ओर स्थिति बहुत ही खराब थी। स्कूलों से छूट बच्चे जाम में फंसे  हुए थे ।स्कूटर- मोटरसाइकिल वाले भी 10-20 मीटर आगे बढ़ने में आधा एक घंटा खर्च कर रहे थे।
    जसवंतनगर में हाईवे चौराहा से लेकर  लुधपुरा तरह तक छिमारा से कचोरा रोड  तक गुजरती रोड पर नगर का सदर बाजार, नदी पुल बाजार, पालिका बाजार आदि हैं। सड़क किनारे कुल मिलाकर 400 से 500 दुकान हैं। इसके अलावा 150 – 200 ठेले खौमचे वाले इसी रोड पर बाजार में खड़े होते और अपना सामान बेचते हैं।
    वैसे तो आए दिन आए दिन जाम लगा रहता है, मगर त्योहारों के दिनों मे जाम के हालात बहुत ही खराब हो जाते हैं। त्योहारों पर पुलिस और प्रशासन मिलकर दुकानदारों और गण्यमान्य लोगों के साथ शांति बैठक आयोजित करता है। बैठक में सदैव बाजार के जाम की समस्या उठाई जाती है, मगर कभी इस समस्या का हल नहीं हो सका है।
     जब भी कोई नया अधिकारी जसवंत नगर में आता है, तो वह अतिक्रमणों को हटाने का प्रयास करता है।  चालान ठोकता है, मगर फिर  टांय  टांय फिस्स हो जाती है और जाम के हालात जस के तस बने रहतें है। 
   बहुत बार लोगों ने मांग की कि स्कूलों की बसों को बाजार होकर न निकलने देने के लिए प्रशासन कोई व्यवस्था करें, मगर प्रशासन ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया ।केवल हाईवे चौराहे पर नो एंट्री अवश्य लगाई, मगर उस नो एंट्री में भी दबंग और नामी  गिरामी लोगों की  चौपहिया वाहनों को बाजार होकर गुजरने की छूट मिल जाती रही है, जिससे जाम के हालात कभी भी सुधर नहीं सके।
      चौराहे पर लगने वाली नो एंट्री शक्ति से लगे तथा बाजारों में घूमने वाली 300 से ज्यादा ऑटो  और टिर्रियों को भी रूट अनुसार नियंत्रित किया जाए। साथ ही सड़क की पटरियों पर दुकानदारों को अतिक्रमण न करने दिया जाए ,तो भले ही दिवाली त्योहार पर जाम के हालत सुधरे रह सकते हैं, वरना हालत आने वाले दिनों में और भी खराब होने वाले जाम
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*वेदव्रत गुप्ता

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