भरत मिलाप लीला के दौरान भव्य आतिशबाजी, नगर भ्रमण को निकला राज परिवार

फोटो:- भरत मिलाप के बाद नगर भ्रमण को निकले राम लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न, सीता और हनुमान।अयोध्या पहुंचने पर शिवलिंग की पूजा करते  और भरत शत्रुघ्न, राम लक्ष्मण से  गले  मिलते हुए
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जसवंतनगर (इटावा)। लंकाधिपति रावण के पूरे कुनबे के सफाए और बनवास के 14 वर्ष पूरे करने के बाद बुधवार रात भगवान राम लक्ष्मण और सीता के अयोध्या वापस होने की लीला यहां सब्जी मंडी स्थित तालाब मंदिर पर  बड़ी ही भव्यता से रामलीला महोत्सव समिति द्वारा प्रदर्शित की गई।

  भरत और राम के मिलन के वह क्षण अत्यंत भावुक थे, जब अयोध्या में वापस लौटे राम आदि का गले मिलकर और चरण वंदन करके भरत और शत्रुघ्न ने  उनकी अगवानी की।
   गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र का भगवान राम लक्ष्मण सीता आदि ने  चरण वंदन किया और उनसे आशीर्वाद लिया। राम उस समय भावुक हो गए, जब उन्होंने देखा कि अयोध्या के सिंहासन पर उनकी खड़ाऊ राजा के रूप में विराजमान है। भरत एक वनवासी के रूप में  है। राम लक्ष्मण और सीता के अयोध्या पहुंचने के बाद उनका केश लोचन तथा वस्त्र बदलवाए गए ।  वनवासी वस्त्र त्याग राजसी वस्त्र धारण  किए। 
  अयोध्या पहुंचने पर भरत आदि से मिलने के बाद भगवान राम सबसे पहले अपनी उस सौतेली माता केकेई से मिले, जिनके कारण उन्हें 14 वर्ष का वनवास हुआ था। माता कौशल्या और सुमित्रा ने राम सीता और लक्ष्मण की बलैया ली। भगवान राम ने वनवास के दौरान घटे सारे विवरण को भरत शत्रुघ्न और अपनी  माताओं को बताया। वन से  साथ आए लंकाधिपति विभीषण, हनुमान, सुग्रीव,  जामवंत आदि से अपनी माता और भाइयों को परिचित कराया तथा उनकी वीरता के किस्से सुनाए।
      भरत मिलाप की यह लीला व्यास रामकृष्ण दुबे और उमेश चौधरी ने संपन्न कराई। लीला के दौरान रामलीला समिति द्वारा भव्य आतिश बाजी का  प्रदर्शन किया गया , जिसे देखने के लिए मंडी और नगर की सड़कों पर भारी भीड़ सर्वत्र एकत्रित थी।  
   भरत मिलाप लीला  संपन्न हो जाने के बाद भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, भरत और शत्रुघ्न  अपने डोलानुमा रथ पर एकसाथ विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकले। बीती रात उन्होंने छोटा चौराहा, जैन मोहल्ला रोड, बिलैया मठ, फक्कडपुरा, कटरा पुख्ता  आदि इलाकों का जब नगर भ्रमण किया, तो जगह-जगह आरती उतारी गई। इन लीलाओं के दौरान रामलीला कमेटी के पदाधिकारीगण पूरी रात मौजूद रहे।
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*वेदव्रत गुप्ता

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