राम वनवास के साथ मैदानी लीलाएं शुरू, जयंत की आंख फूटी

*राम लक्ष्मण और सीता को केवट की नाव पर जीवंत देखकर लोग दंग

फोटो:- भगवान राम जयंत की आंख फोड़ते हुए। नीचे  दांए भरत को अपनी पादुकाएं  सौंपते तथा दाएं सरयू नदी केवट के साथ पार करते  की लीला करते भगवान राम
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जसवंतनगर (इटावा)। यहां के 164 वर्ष पुराने रामलीला महोत्सव में मैदानी लीलाएं आरंभ हो गई हैं। देश और प्रदेश में उंगलियों पर गिरने लायक ही मैदानी रामलीलाएं आयोजित होती हैं उनमें जसवंत नगर का नाम क्या प्राप्त है।

     शनिवार को राम बारात निकली थी और सोमवार को भगवान राम अयोध्या का राजा बनते बनते अपने पिता की आज्ञा पर 14 वर्ष के वनवास पर निकल पड़े थे पिता दशरथ अपने पुत्र राम पुत्र वधू  सीता और लक्ष्मण को  वनवास  जाने  के  असह्य गम को बर्दास्त न कर सके और स्वर्गवासी हो गए। दशरथ का राजप्रसाद माने जाने वाले नगर की तालाब मंदिर पर सोमवार को यह लीला देर शाम आयोजित हुई। इसके बाद  वन गमन के दौरान सरयू नदी पार करने राम और केवट संवाद की जीवंत लीला पहली बार रामलीला महोत्सव ने बाकायदा  नाव से कराई और लोगों को आकर्षित किया।
    राम  के वन गमन और दशरथ मरण के बाद ननिहाल से लौटे भरत शत्रु गन को जब भैया राम के 14 वर्ष के लिए वनवास चले जाने और पिता के मरण की खबर मिलती है तो वह  राम को वनवास से लौटने के लिए समस्त अयोध्या वीडियो और अपनी माता के साथ वन के लिए रवाना होते हैं। मंगलवार को रामलीला मैदान में इस लीला के साथ बाकायदा मैदानी लीलाएं शुरू हुई और राम और भारत के बीच का संवाद बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत कराया गया मगर राम अयोध्या लौटने को तैयार नहीं हुए इस पर भारत द्वारा उनके चरण पादुकाएं उनसे मांगी गई जिन्हें सर पर रखकर जब भारत अयोध्या लौटने लगे तो मेला मैदान में स्थित दर्शकों की आंखें नम हो गई।
        वायस पंडित रामकृष्ण दुबे और पंडित उमेश चौधरी ने यहां के प्राचीन रामलीला काव्य  ग्रथ से लीलाओं का गायन करते लीलाएं  संचालित की गईं।
      आज बुधवार को राम की लीलाओं  के युद्धक अध्याय बकायदा आरंभ हो गए और पंचवटी में विराजमान सीता को देख इंद्र  पुत्र जयंत, जो एक कौए के रूप में विचरण कर रहा था, ने  वहां पहुंचकर सीता पर झपट्टा मारते  जैसे ही उनके ऊपर अपनी चोंच का प्रहार किया, तो राम ने उस पर वान का प्रहार किया, जो उसकी एक आंख में लगा। इसके बाद इंद्र पुत्र तीनों लोकों में इस वान से रक्षा को दौड़ा , तो सभी देवताओं ने उसे राम के पास ही जाने को कहा। वह राम के पास लौटता और अपनी प्राण रक्षा के बदले अपनी एक आंख जीवन भर के लिए गंवाता है।जयंत की भूमिका नगर के उत्साही युवक देवांश गुप्ता ने निभाई। आज की लीलाओं का निर्देशन राजीव गुप्ता बबलू और विधायक शिवपाल सिंह यादव के विधायक प्रतिनिधि अजेंद्र सिंह गौर, रतन पांडे, निखिल गुप्ता आदि ने निभाई!
     रामलीला के दौरान यहां राम लक्ष्मण और सीता आदि को साक्षात देवता के रूप में पूजा जाता है।इस वजह से ब्राह्मण जातीय ही पात्र ही बनाए जाते हैं। इस वर्ष की रामलीला में राम की भूमिका में कन्हैया मिश्रा, लक्ष्मण की भूमिका में चिराग चौधरी, भरत राजन बाजपेई, शत्रुघ्न गोपाल बाजपेई, सीता कृष्णा तिवारी, और हनुमान का पात्र यश दुबे को बनाया गया है। भरत और शत्रुघ्न की  भूमिका निभाने वाले दोनों पात्र सगे भाई हैं।
गुरुवार को महोत्सव में सूर्पनखा की नाक कटेगी और खरदूषण का बध की लीलाएं होंगी
*वेदव्रत गुप्ता
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