
फोटो:- जसवंत नगर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय फकीरे की मढैया में मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ीयों से बनता हुआ मिड डे मील
जसवंतनगर (इटावा)। प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मध्यान भोजन देने के लिए सरकार और प्रशासन बेहतर सुविधाएंउपलब्ध कराने को कृत संकल्पित है ,फिर भी ग्रामीण इलाकों में प्रधान और प्रधानाचार्य मिलकर मिड डे मील में अपनी मनमानी चला रहे हैं।
बच्चों को एक तो मीनू अनुसार भोजन नहीं दिया जाता, दूसरा कहीं बर्तन नहीं खरीदे गए हैं। तो कहीं भोजन के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है।
जसवंत नगर क्षेत्र के यमुना पार स्थित ब्लॉक के अंतिम स्कूल प्राथमिक विद्यालय फकीरे की मढैया में तो प्रधानाचार्य पैसा बचाने के लिए मध्यान्ह भोजन का निर्माण लकड़ी के चूल्हे से करवा रहा है, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग ने गैस चूल्हे की व्यवस्था की है, ताकि स्कूल का वातावरण प्रदूषण मुक्त रह सके।
फकीरे की मढैया के ग्रामीणों ने बताया है कि यहां के प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाचार्य लेखराज सिंह जो अभी 3 महीने पहले ही स्कूल का प्रधानाचार्य बनकर आया है। वह मिट्टी के चूल्हे पर बीहड़ की लकड़ियों से भोजन का निर्माण कराता है, ताकि भोजन निर्माण में खर्च की बचत की जा सके।
इस स्कूल में 260 से ज्यादा बच्चे हैं और हर तीन-चार दिन में एक सिलेंडर के खर्च की बेसिक शिक्षा विभाग ने व्यवस्था की है। प्रधानाचार्य इतना अड़ियल स्वभाव का है कि वह खंड शिक्षा अधिकारी अकलेश सकलेचा के निर्देशों को भी बलाए ताक रखे है। कई बार उसे निर्देशित किए जाने के बावजूद वह निरंतर मिट्टी के चूल्हे पर मिड डे मील बनवा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल परिसर में पढ़ाई के दौरान जबरदस्त धुआं छाया रहता है। क्योंकि बीहड़ की गीली लकड़ियां खाना बनाने में चूल्हे में प्रयुक्त की जाती हैं, जो सुलगने के दौरान धुंआ देती हैं।
*वेदव्रत गुप्ता
____