42 वर्षों से जसवन्तनगर की ‘पड़ाव मंडी’ में विराज रहे-“लाल बाग के राजा”

  *एक मुंबईया न्यारिया ने शुरू की थी प्रथा    *बड़ी संख्या में जुटते हैं, नगर के गणपति

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 फोटो:- जसवंतनगर की पड़ाव मंडी में विराजित लाल बाग के राजा भगवान गणेश
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   जसवंतनगर(इटावा)। गणपति स्थापना की शुरुआत महाराष्ट्र विशेष तौर से मुंबई में हुई थी और वहीं से जसवंतनगर कस्बा में गणेश जी को विराजित करने की प्रथा एक मुंबईया न्यारिया यहां लाया था। यह न्यारिया जसवंतनगर में सोने चांदी के पकाने का काम करने के लिए सन 1980 के आसपास  आकर बसा था।

       हनुमंत राव नामक इस न्यारिया ने अपनी मुंबई की मान्यता के तहत सन1981 में नगर की पड़ाव मंडी  में प्रथम बार भगवान गणेश की स्थापना कराई थी।
      वर्तमान में अब घर-घर गणपति स्थापना की जाती है। पिछले 8-  10 वर्षों से नगर और ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में सिद्धिविनायक गणेश जी को विराजित कराया जाना  जसवंतनगर में शुरु हुआ है और अब यह वार्षिक तौर पर बड़ा हिंदू धर्म का उत्सव बन गया है।
    बताते हैं कि हनुमंत राव ने जब पहली बार “लाल बाग के राजा” के रूप में भगवान गणेश को अपने घर के दरवाजे पर विराजित कर गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चौदस तक पूजा अर्चना की थी, तो लोगों में  गणपति पूजा के प्रति आकर्षण और ललक बढ़ी थी।
     हनुमंत राव और उसका परिवार गणेश जी का परम भक्त है।  हर वर्ष पढ़ाव मंडी में गणेश जी की स्थापना करवाने में  वह बढ़ चढ़कर अपना योगदान देते रहे हैं, जिससे धीरे-धीरे लोगों का सहयोग और भीड़ बढ़ती गई है ।
   अनंत चौदस के दिन हर वर्ष जब गणेश जी की विदाई होती, तो बड़ी संख्या में लोग पड़ाव मंडी के गणपति भगवान को विसर्जित करने यमुना तट कचौरा घाट तक जाते थे, अब भोगनीपुर नहर पर विराजित कराया जाता है।
     हनुमंत राव के बाद उनके बेटे ओमी न्यारियां ने नगर के लोगों विशेषकर अपने व्यापारिक सहयोगी सर्राफों की दम पर हर वर्ष यह प्रथा जारी रखी। पूरे नगर के लोग यहां गणेश पूजन, कीर्तन ,आरती आदि  के लिए रोजाना  एकत्रित होते हैं। 
    बताया गया है कि 42 वर्षों में कोरोना काल छोड़कर अन्य एक दो वर्ष ही पड़ाव मंडी में “लाल बाग के राजा गजानन” विराजित न हुए हो, वरना हर वर्ष इन्हें विधि विधान से विराजित  कराया जाता है ।
   इस वर्ष भी मंगलवार को जब नगर और क्षेत्र में घर-घर गणेश जी विराजित कराये जा रहे थे, यहां पड़ाव मंडी में भक्तों की भारी भीड़ थी।
   करीब 4 फीट ऊंची गणेश जी की यहां की प्रतिमा काफी दर्शनीय है।  इसके व्यवस्थापकों में ओमी न्यारिया के  परिवारी गणों पत्नी रानी और बच्चों के अलावा संतोष पनीर वाले, भगवान दास दूध वाले, सोनू चौरसिया,ललित कुशवाहा, रामचंद्र  गुप्ता, अनुज बाथम, चारू कुशवाहा, शिवकुमार, आदि लगातार व्यवस्थाओं में जुटे रहते हैं। इस वर्ष भी हर दिन कभी फलों का श्रृंगार, कभी फूलों का श्रृंगार, कभी गुब्बारों का श्रृंगार और कभी गणेश जी को छप्पन भोग लगेगा।
– वेदव्रत गुप्ता
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 फोटो:- जसवंतनगर की पड़ाव मंडी में विराजित लाल बाग के राजा भगवान गणेश
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