‘कबाड़ से जुगाड’ बनाकर भौतिक विज्ञान प्रवक्ता “प्रदीप यादव” बने इटावा के विशिष्ट शिक्षक  

 फोटो:- इटावा जिले के विशिष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किए गए प्रदीप यादव को पुरुस्कृत करते डीआईओएस इटावा
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  जसवंतनगर(इटावा)। शिक्षक दिवस पर जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने जिले के जिन 10 प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को इटावा के उत्कृष्ट और विशिष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया है, उनमें जसवंत नगर कस्बा के हिंदू विद्यालय इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत प्रदीप कुमार यादव भी शामिल हैं।

  हिंदू विद्यालय इटावा जनपद का ऐसा कॉलेज है, जिसके प्रधानाचार्य राजेंद्रप्रसाद यादव को राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है, ऐसे में जिले के कुल मिलाकर चुने गए पांच शिक्षकों में हिंदू विद्यालय के प्रदीप कुमार यादव का विशिष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया जाना न केवल गर्व की बात है, बल्कि कालेज की शैक्षिक गुणवत्ता का भी मील का पत्थर है।
  इस कालेज  के भौतिकविज्ञान विषय के प्रवक्ता प्रदीप कुमार यादव ने पिछले 10 वर्षों में विद्यार्थियों के बीच फिजिक्स जैसे विषय के शिक्षण को “कबाड़ से जुगाड़” में तब्दील कर काफी रोचक बनाया है। इससे पूर्व उन्हे “डॉक्टर कलाम राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार” राष्ट्रीय स्तर पर उनकी शैक्षिक प्रतिभा के कारण दिया गया था।
   उनकी गहरी ललक, लगन तथा मार्गदर्शन में हिंदू विद्यालय के दो बच्चे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में तथा 12 बच्चे इंस्पायर अवार्ड मानक योजना की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता तथा दो अन्य बच्चे जवाहरलाल नेहरू विज्ञान गणित पर्यावरण प्रदर्शनी कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर नाम ऊंचा कर चुके हैं।
    वह अपने कालेज में कुछ न कुछ वैज्ञानिक अभिरुचि के  आयोजन  जैसे विज्ञान प्रदर्शनी, संगोष्ठी, कैरियर गाइडेंस सेमिनार, भूतपूर्व छात्र सम्मेलन तथा स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम आदि संपादित   करके युवा दिमाग को सक्रियता की ओर मोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य  सदैव करते रहते हैं। अपने प्रयास से  उन्होंने हिंदू विद्यालय की भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला में विज्ञान पुस्तकालय भी विकसित किया है।
          विद्यार्थियों के बीच विज्ञान ओलंपियाड, विज्ञान मंथन तथा राष्ट्रीय गणित दिवस, विज्ञान दिवस तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस और कौन बनेगा नन्हा कलाम?..इत्यादि परीक्षाएं भी आयोजित करने में मुख्य भूमिका  निभाते अपनी विशिष्ट शिक्षक की भूमिका में रहते हैं।
         उन्होंने काका कलाम विज्ञान क्लब की स्थापना कर उसे विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत कराया है। क्लब के माध्यम से वह शिक्षकों, छात्रों आदि में जागरूकता  के कार्यक्रम जैसे सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण दर्शन तथा टेलिस्कोप के माध्यम से रात्रि आकाश दर्शन  तथा एक शाम चांद सितारों के नाम कार्यक्रम तथा चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या, पर्यावरण जागरूकता तथा शिक्षक प्रशिक्षण आदि आयोजित करते कुछ न कुछ शिक्षा क्षेत्र में करने में जुटे रहते हैं।
अपने कक्षा में  प्रदीप कुमार शिक्षण दौरान ‘ पहले दिखाओ फिर पढ़ाओ’ शिक्षा पद्धति पर विशेष जोर देते हैं।
किसी भी टॉपिक को पढ़ाने  से पहले  उससे संबंधित प्रयोग का विद्यार्थियों के सामने प्रदर्शन कर  वह विषय को ज्यादा समझने पर जोर देते है, जिससे भौतिक विज्ञान जैसा क्लिष्ट विषय भी रुचिकर बना है। प्रयोगशाला में शून्य निवेश के नवाचारी प्रयोग को भी उन्होंने विकसित किया है।
 भारत सरकार की स्कूली बच्चों के लिए नवाचार आधारित इंस्पायर माणक योजना में जिला समन्वयक के रूप में पूरे जनपद में उनकी विशिष्ट पहचान  बनी है
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 *वेदव्रत गुप्ता

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