इमाम हुसैन का पूरी कायनात पर है एहसान- मौलाना सदाक़त

इटावा। शहीदे आज़म और शहीदाने कर्बला की याद में साबितगंज स्थित स्व. मुहाफ़िज़ हुसैन के मकान पर सैफू की ओर से मजलिस का आयोजन किया गया।

मजलिस में तकरीर करते हुए जनपद फर्रूखाबाद से आये मौलाना सदाक़त हुसैन ने कहा मजलिस रुहानी ग़िज़ा है। मजलिसों में रसूल, नबी, इमामों का जिक्र होता है और हिदायत, इंसानियत और आपसी सौहार्द कायम रखने का संदेश दिया जाता है। दीन इंसान को तबाही से रोकता है और इंसानियत व आपसी भाईचारे का पैगाम देता है।

हम मौला अली से इसलिए मोहब्बत करते है क्योंकि रसूल अल्लाह ने कहा है कि जिस जिस का मैं मौला उस उस के अली मौला, जो अली का दोस्त वो मेरा दोस्त जो अली का दुश्मन वो मेरा दुश्मन। रसूल अल्लाह ने फरमाया है कि मैं शहरे इल्म हूं और अली उसका दरवाजा। इमाम हुसैन का इस्लाम, नमाज, हज सहित पूरी कायनात पर एहसान है। इमाम हुसैन का ताल्लुक दिल से है, इसीलिए उनके चाहने वाले मजलिसें कर इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं। अंजुमन हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया कि इमामबाड़ा घटिया अज़मत अली पर मो. जुनैद, मो. जावेद और दरगाह मौला अब्बास महेरा पर मो. शाहिद की ओर से आयोजित मजलिसों में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर की। मजलिस में सलीम रज़ा, जहीर अब्बास ने सोजख्वानी की, अर्श, तालिब रज़ा ने कलाम पेश किए और अख्तर अब्बास व तनवीर हसन ने नोहाख्वानी की। मजलिस में हाजी कमर अब्बास नकवी, हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील, शावेज़ नक़वी, मो. अब्बास, मो. मियां, अयाज़ हुसैन, अख्तर अब्बास, सफीर हैदर, तहसीन रज़ा, अली साबिर, रज़ी हैदर, रियाज़ रिज़वी, मुशीर हैदर, नजमुल हसन, अख्तर मिर्ज़ा, आरिफ रिज़वी, अमीर हैदर जाफ़री, हसन अब्बास, सोनू नक़वी, मो. जुनैद, मो. जावेद, मो. शाहिद, दबीरुल हसन, अबरार हुसैन, शादाब हसन, अदनान जाफ़री, आतिफ एड., राजा, राशिद मरगूब, मुहब्बे अली, जीशान हैदर, जमील अहमद, शब्बर अक़ील, राशिद, रज़ा रिज़वी, शाजू, शारू, फतिक, लकी, समर, नकी रज़ा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

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