दुनिया के लिए आवश्यक है कविता और प्रेम:प्रो. चितरंजन मिश्र

दुनिया के लिए आवश्यक है कविता और प्रेम:प्रो. चितरंजन मिश्
न्यूजतंत्र संवाददाता

गोरखपुर -बड़हलगंज। कवि अपनी कविता से करोड़ों नर नारियों के दिलों में प्रेम की कोंपलों को प्रस्फुटित करता है। कविता और प्रेम दोनों ही दुनिया के लिए जरूरी है। अपनी कविता के माध्यम से सबके हृदय पर प्राप्त विजय तलवार के द्वारा किसी शहंशाह की प्राप्त विजय से काफी महत्वपूर्ण है। यह विचार शनिवार को बड़हलगंज में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह को सम्बोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने व्यक्त किया।
बड़हलगंज के एक होटल में युवा कवि निर्भय निनाद द्वारा रचित प्रथम गीत संग्रह “पास जबसे तुम नहीं” के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित प्रो. चितरंजन मिश्र ने कहा कि कविता कम शब्दों का व्यापार है। कविता जितना शब्दों और पंक्तियों से कहती है, उतना ही वह शब्दों और पंक्तियों के अंतराल से भी कहती है।हर बात कविता में कही नहीं जाती, कुछ संकेत छोड़े जाते हैं और उन संकेतों के आधार पर पाठक और श्रोता खुद ही उस कविता में आशय को खोजते हैं। उन्होंने कहा लिवकिसी बड़े आलोचक ने कहा है कि कविता का काम जितना कहना होता है, उतना ही न कहना भी होता है। छिपाने और दिखाने का द्वंद कविता में आना चाहिए।कविता हमारे भीतर के सूखते हुए भावों को हरा करती है। हमारे भीतर के भाव, हमारे भीतर की जो संवेदनशीलता कम हो रही होती है, कविता उस संवेदनशीलता को बढ़ाती है। कविता आदमी के मन को थोड़ा भारी करती है। खुशियों में उसे चुप करती है और दुखों में उसे उत्साह देती है। आकाशवाणी के पूर्व निदेशक डा. अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि कवि का काम सिर्फ लिखना नहीं बल्कि सार्थक लिखना है जो कालजयी हो।कवि को विफलता से विचलित नहीं होना चाहिए क्योंकि विफलता से ही कविता के रास्ते खुलते हैं।कविता हर्ष से नहीं दुःख से उत्पन्न होती है।प्रो. विमलेश मिश्र ने कहा कि प्रेम की असली कसौटी विरह है और निनाद की कविताओं विरह मौजूद है।प्रेम में संयोग और वियोग दोनों उपस्थित होता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय की पूर्व उपाध्यक्ष व मशहूर कवियित्री डा.चेतना पांडेय ने निनाद को शुभकामना और देते हुए कहा कि किसी भी कवि या लेखक के लिए पहली पुस्तक का विमोचन वैसे ही होता है जैसे किसी माता_पिता की गोद में उसकी पहली संतान।अपना परिचय देते हुए युवा कवि निर्भय निनाद ने जब कहा कि ” जितने आंसू बेंचे हमने,उतनी ज्यादा वाह कमाई” पर उपस्थित लोग वाह_वाह कर उठे।समारोह में उपस्थित सिद्ध पीठ मदरिया के महंत श दास, महाराज,कवि व लेखक बृजभूषण राय ब्रिज व आंसू पोंछो,वृक्ष लगाओ जैसे कार्यक्रम के संचालक डा.प्रवीण त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता शिक्षक नेता शिवाकांत ओझा व संचालन वी एस ए वी डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. फूलचंद्र त्रिपाठी ने किया।

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